विष्णुपुर मांसही के गांव किसान हरिद्वार भगत ने 8 कट्ठा में फूलगोभी की खेती की थी और प्लान के मुताबिक, गोभी की फसलों से होने वाले मुनाफे से अपनी इकलौती पोती की शादी करने वाले थे. लेकिन, नीलगाय ने खेत में दौड़ कर उनकी फसल और उस सपने को चकना चूर कर दिया. 60 प्रतिशत सब्जी फसल को नीलगाय के झुंड ने बर्बाद कर दिया.
यही हाल उधार पैसा लेकर फूलगोभी कि खेती करने वाली महिला किसान ऊषा देवी का है. जिनके तैयार फसल को नीलगाय ने बर्बाद कर दिया. ऊषा खेत में अपनी बर्बाद फसल को देखकर रोने लगीं. वह चिंतित हैं कि अब इसका कर्ज कैसे चुकाएंगी.
विष्णुपुर मांसही, मणिका गाजी, मणिका हरिकेश, नवादा, छापड़ा मेघ, सूतीहरा, नरसिंहपुर समेत तीन दर्जन से ज्यादा गांवों में दस हजार से ज्यादा किसान खेती-बाड़ी करते हैं. इन सभी गांवों के ज्यादातर किसान हरी सब्जी उगाते हैं. इसके अलावा रबी फसल की भी खेती करते हैं, लेकिन इन दिनों नीलगायों का आतंक बढ़ गया है, जो खेत में लहलहाती फसल बर्बाद कर रही हैं.
रात का अंधेरा हो या फिर दिन का उजाला हो, नीलगायों का झुंड खेत में लगी फसल को भारी नुकसान पहुंचा रहा है. इससे परेशान किसानों ने कई फसलों को लगाना छोड़ दिया हैं. क्षेत्र में इन दिनों किसान आलू और गेहूं की खेती से बच रहे हैं, जिससे इनका रकबा घट रहा है. किसानों का कहना है कि जैसे ही इन फसलों का फूल तैयार होता है, वह नीलगायों का निवाला बन जाता है. खाने से ज्यादा इनके पैरों से फसल की बर्बादी होती है.
अगर फसल को बचाना है तो किसानों को अपने खेतों में जाल लगाकर या रतजगा कर फसल को बचाने की मजबूरी हो गई है. तभी फसल बच पाएगी अन्यथा किसानों के घर तक फसल पहुंच पाना मुश्किल काम हो गया है.
वन्य प्राणी होने की वजह से इन नीलगायों को कोई मार भी नहीं सकता है. ऐसे में आखिर किसान करे तो क्या करे. समस्या किसी एक गांव के किसानों की नहीं बल्कि, हर जगह एक समान स्थिति है. मणिका हरिकेश, नवादा, विशनपुर मनशाही, छपरा मेघ सहित कई गांवों में बैगन, गोभी, बंदगोभी, टमाटर, कद्दू, करेला आदि सब्जी को नीलगाय अपना निवाला बना रही है.
वहीं, मामले को लेकर डीएम सुब्रत कुमार ने बताया कि नीलगाय की समस्या को लेकर विभाग ने मुखिया को ही समक्ष प्राधिकार बनाया है. मुखिया या पंचायत को ऐसा लगता है कि नीलगाय से जान माल या फसल की क्षति हो रही है तो उस पर उचित निर्णय लेकर विभाग के शूटर को रखकर नीलगाय को शूट करा सकते हैं.