बिहार के बेगूसराय में किसान आधुनिक खेती कर कम लागत में लाखों रुपए कमा रहे हैं. किसान अब पारंपरिक फसलों के बजाए आधुनिक और नई टेक्नोलॉजी के साथ शिमला मिर्च की खेती कर मुनाफा कमा रहे हैं. शिमला मिर्च बाजार में हमेशा महंगे दामों में बिकती है. इसकी कीमत सिर्फ बेगूसराय ही नहीं बल्कि पूरे बिहार या फिर प्रदेशों में भी 30 से 40 रुपये किलो रहती है. उत्पादन कम और खपत ज्यादा होने पर कई बार शिमला मिर्च 70 से 100 रुपये किलो तक भी पहुंच जाती है. इसके चलते इसकी खेती करने वाले किसानों का फायदा काफी बढ़ जाता है.
ऐसा ही कुछ कर दिखाया है जिले के प्रोफ़ेसर किसान रामकुमार सिंह ने. उन्होंने अपनी खेत में शिमला मिर्च की बुआई की है, जिससे उन्हें न सिर्फ बंपर उत्पादन मिल रहा है बल्कि वो शिमला मिर्च बेच कर रोज हजारों रुपये की अच्छी कमाई कर रहे हैं. आमतौर पर हर किसान शिमला मिर्च की खेती नहीं करता है. ऐसे में जो कुछ किसान इसकी खेती करते हैं वो अच्छा मुनाफा कमाते हैं.
चेरिया बरियारपुर प्रखंड के विक्रमपुर पंचायत के प्रोफेसर रामकुमार सिंह कृषि कार्यक्रम से शिमला मिर्च की खेती के तरीके सीखे और फिर कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर और जिला उद्यान विभाग में जाकर ड्रिप इरिगेशन सिस्टम और पॉलीहाउस योजना का लाभ 90 फीसदी सब्सिडी पर लेकर शिमला मिर्च की खेती की शुरुआत साल 2021 में की थी.
शिमला मिर्च की खेती कर रहे किसान रामकुमार ने बताया कि इसकी खेती बहुत ही फायदे का है. इसकी बुआई करने के 75 दिनों के बाद फसल आनी शुरू हो जाती है और आप पौधों से शिमला मिर्च तोड़ कर बाजार में बेचना शुरू कर सकते हैं. साथ ही इसका अच्छा भाव भी मिल जाता है.
शिमला मिर्च की खेती करने वाले किसान प्रोफेसर रामकुमार सिंह ने बताया कि अगर किसान कम लागत में अधिक फायदा कमाना चाहते हैं, तो उन्हें शिमला मिर्च की खेती जरूर करनी चाहिए. किसान को एक एकड़ में शिमला मिर्च की खेती में 50 हज़ार की लागत लगती है. इसके बाद शिमला मिर्च का 75 दिनों के बाद उत्पादन शुरू हो जाता है.
किसान ने बताया कि हर सप्ताह 10 क्विंटल तक का उत्पादन होता है. बाजार में बिक्री का टेंशन नहीं होता क्योंकि कारोबारी खोज कर इनके खेतों पर आकर खरीद लेते हैं. रामकुमार सिंह ने बताया कि उन्होंने एक एकड़ में शिमला मिर्च की खेती की है जिसे वो 2 लाख का मुनाफा कमा रहे हैं. ( रिपोर्ट/सौरभ कुमार )