रबी सीजन में चुकंदर की खेती से पहले जान लें 5 जरूरी बातें, फायदे में रहेंगे किसान

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रबी सीजन में चुकंदर की खेती से पहले जान लें 5 जरूरी बातें, फायदे में रहेंगे किसान

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चुकंदर एक ऐसी जमीकंद सब्‍जी है, जो सर्दी में उगाने के लिए एकदम सही मानी जाती है और इसके पानी की कम जरूरत पड़ती है. यही वजह है कि चुकंदर की फसल को ज्‍यादा सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ती. इससे किसानों की मेहनत और बिजली दोनों की बचत होती है.
 

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चुकंदर की खेती के लिए बलुई-दोमट मिट्टी एकदम उपुयक्‍त मानी जाती है. मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए. चुकंदर को अन्‍य कई अन्‍य फसलों के साथ भी उगाया जा सकता है. सहफसली के लिहाज से चुकंदर एकदम सटीक माना जाती है.

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चुकंदर को ठंडी जलवायु में उगाना आसान है. हालांकि, गर्मी के मौसम में पॉलीहाउस में इसकी खेती की जा सकती है. चुकंदर की फसल में वर्मी कम्‍पोस्‍ट, रेत-गोबर मिलाकर मिट्टी तैयार करें. इससे फसल का सही विकास होगा.
 

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चुकंदर की बिजाई के लिए लाइनों में कम से कम 45 सेंटीमीटर की दूरी रखें और साथ ही बुआई इस प्रकार करें कि पौधों की दूरी एक दूसरे से कम से कम 15 सेंटीमीटर हो. बीज को 25 सेंटीमीटर गहराई में बोएं.

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चुकंदर की फसल बुआई के बाद 60 से 75 दिनों में कटाई के लिए तैयार होती जाती है. चुकंदर की वैराय‍टी में अर्ली वंडर, शाइन रेडबॉल, अशोका रेडमेन आदि शामिल हैं. चुकंदर को घर पर गमले में भी आसानी से उगाया जा सकता है.

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