केंद्र की मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन स्कीम की घोषणा की है. इस स्कीम का नाम यूनीफाइड पेंशन स्कीम रखा गया है. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है. इस फैसले के तहत अगर को सरकारी कर्मचारी न्यूनतम 25 साल तक काम करता है तो रिटायरमेंट के पहले आखिरी 12 महीने के औसत वेतन का कम से कम 50 फीसदी पेंशन के रूप में उसे दिया जाएगा. यह एक ऐसी स्कीम है जिसके माध्यम से सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को एक सुनिश्चित पेंशन देगी. यूपीएस का लाभ केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को मिलेगा.
इसके साथ ही अगर किसी कर्मचारी को मौत होती है तो उसके परिवार को कर्मचारी के मौत के वक्त मिलने वाले पेंशन का 60 फीसदी मिलेगा. इसके साथ ही अगर कोई कर्मचारी 10 साल के बाद नौकरी छोड़ते हैं तो दस हजार रुपए पेंशन मिलेगी. केंद्र सरकार द्वारा लाए गए इस नई यूनीफाइड पेंशन स्कीम का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन उपलब्ध कराना है. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि राज्य सरकारों के पास भी यूपीएस को चुनने का विकल्प रहेगा. अगर राज्य सरकार भी इसमें शामिल होना चाहे तो फिर लाभार्थियों की संख्या बढ़ सकती है.
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केद्रीय मंत्री ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि यह नई पेंशन स्कीम देश में 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी. उन्होंने बताया कि इस स्कीम को लागू करने के लिए केंद्र सरकार के ज्वाइंट कंसल्टेटिव मकैनिजम के साथ कई बार बैठक की है. इसके बाद यह देखा गया कि दुनिया के कई देशों में इस तरह की स्कीम लागू की गई है. फिर भारतीय अर्थव्यवस्था और केंद्र सरकार के बजट को समझने के लिए आरबीआई के साथ मीटिंग की गई. इसके बाद ही यूनीफाइड पेंशन स्कीम को लागू किया गया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कर्मियों की तरफ से लगातार सुनिश्चित पेंशन देने की मांग की जा रही थी, इसी मांग को देखते हुए ही इस तरह की स्कीम लाई गई है.
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