किसान देश की राजनीति का सेंटर पॉइंट बनते हुए दिख रहे हैं. इन दिनों सत्ता पक्ष से लेकर विपक्षी राजनीतिक दल किसानों के मुद्दों पर गंभीर नजर आ रहे हैं, जिसके तहत किसानों की आय का मुद्दा सबसे अहम है. इसको लेकर MSP गारंटी कानून पर घमासान जारी है. तो वहीं दूसरी तरफ वादे के अनुरूप 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने में असफल रही मोदी सरकार की खिंचाई भी होती रहती है. इस असफलता को अस्वीकारते हुए बीजेपी के नेता बचाव में कई तरह के तर्क देते रहते हैं. कुल जमा देश में किसानों की आय का मुद्दा प्रमुख है और 2022 तक किसानों की आय डबल ना करने की विफलता का ठप्पा मोदी सरकार पर लग चुका है.
आज की बात इसी पर... जानेंगे कि क्या कोई सरकार किसानों की आय बढ़ा सकती है. साथ ही जानेंगे कि बीजेपी ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा कब किया. उस वादे पर अमल के लिए क्या हुआ. फार्मर इनकम डबल करने में कहां मोदी सरकार असफल हुई.
देश में किसानों की आय दोगुनी करने की घोषणा साल 2016 में हुई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में किसानों की आय दोगुनी करने की घोषणा की थी, जिसके लिए 2022 का टारगेट रखा गया था. यानी 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की घोषणा प्रधानमंत्री ने की थी.
अब समझते हैं कि किसानों की आय कितनी है. इसके लिए 2016 से पहले और बाद के आंकड़ों को लेते हैं. सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के 70वें दौर के सर्वे (2012-13) में किसान परिवारों की औसत मासिक आय 6,426 रुपये दर्ज की गई थी, जो 77वें दौर के सर्वे (2018-19) के दौरान 10218 रुपये मासिक दर्ज की गई है.
पीएम मोदी ने 2016 में किसानों की आय दोगुनी करने की घोषणा की.अब सवाल ये है कि क्या सरकारी कर्मियों की सैलरी, भत्ते में बढ़ाेत्तरी के आदेश जारी करने वाली सरकार कि किसी घोषणा से किसानों की आय बढ़ा सकती है. इस सवाल का जवाब साफ शब्दों में नहीं है. असल में कृषि सेक्टर असंगठित और गैर सरकारी है. ऐसे में सरकार आदेश से किसानों की आय में बढ़ोतरी नहीं कर सकती है.
हालांकि किसानों की आय में बढ़ोतरी हो, इसके लिए सरकार नीति और माहौल तैयार कर सकती है. अब सवाल ये क्या मोदी सरकार ने ऐसा किया. इसका जवाब हमने बीजेपी किसान मोर्चा में उपाध्यक्ष रहे किसान नेता नरेश सिरोही से जानने की कोशिश की. यहां पर ये जानना भी जरूरी है कि नरेश सिरोही 2014 के लोकसभा सभा की घोषणापत्र समित में खेती और किसानी विषय के अहम सूत्रधार थे.
किसानों की आय दोगुनी करने की घोषणा 2016 में पीएम नरेंद्र मोदी ने की थी. इसको लेकर क्या विजन था, इसकी जानकारी देते हुए बीजेपी किसान मोर्चा में उपाध्यक्ष रहे किसान नेता नरेश सिरोही कहते हैं कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए पीएम मोदी ने 7 मंंत्र दिए थे, जिसमें पहला मंत्र सिंचाई के पानी को व्यस्थित करते हुए प्रति बूंद अधिक उपज लेने का था. इसी तरह दूसरा मंत्र हरित क्रांति की वजह से मिट्टी के स्वास्थ्य पर पड़े विपरित असर को कम करना, इसी उद्देश्य के साथ सॉयल कॉर्ड बने. तीसरा मंत्र अभी जो 12 से 15 फीसदी क्रॉप वेस्ट हो रहा है, उसे कम करने के लिए काम करना था. चौथा मंत्र फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देना, पांचवा मंंत्र मंडियों की विसंगतियां को दूर करना, छठा मंत्र प्राकृतिक आपदा की वजह किसानों के फसल नुकसान को कम करने के लिए उन्हें बीमा लाभ देना और सातवां मंत्र पशुपालन, मधुमक्खी पालन जैसे व्यवसाय से किसानों की आय में बढ़ाेतरी करने का था.
बीजेपी किसान मोर्चा में उपाध्यक्ष रहे किसान नेता नरेश सिरोही बताते हैं कि पीएम मोदी के इन 7 मंत्राें पर नाबॉर्ड और नीति आयोग ने भी 4 सूत्रीय एक्शन प्लान बनाया. जिसके तहत नीती आयोग ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए मौजूदा अपने एक्शन प्लान में बाजार की सरंचना को मजबूत करना, किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाना, उपज को बढ़ाने, भूमि सुधार के साथ ही किसानों काे राहत देने के लिए काम करने की रुपरेखा बनाई.
इसी तरह नाबॉर्ड ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए अपने एक्शन प्लान में दीर्घकालीन सिंचाई योजना ठीक करने के लिए कोष बनाने, भूजल संसाधन का सुचारू रूप से प्रयोग सुनिश्चित करने, डेयरी प्रंस्करण को बढ़ावा देने और ढांचागत विकास को बढ़ाने की योजना बनाई.
किसानों की आय दोगुनी करने के लिए पीएम मोदी ने 7 मंत्र दिए. तो वहीं नीति आयोग और नाबॉर्ड ने अपने-अपने एक्शन प्लान बनाए, लेकिन इसके बाद भी किसानों की आय में बढ़ोतरी क्याें नहीं हुई. इस सवाल के जवाब में बीजेपी किसान मोर्चा में उपाध्यक्ष रहे किसान नेता नरेश सिरोही कहते हैं कि किसानों की आय में बढ़ाेतरी के लिए इस बीच अशोक दलवाई की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई, जिसने अपनी सिफारिशें भी सौंपी. कुल जमा किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर चर्चाएं बहुत हुईं, लेकिन किसी सिफारिश या एक्शन प्लान पर कोई क्रियान्वयन सुनिश्चित नहीं हो सका. नतीजतन, किसानों की आय दोगुनी करने के काम काे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका.
किसानों की आय कैसे दोगुनी होगी, इस सवाल के जवाब में बीजेपी किसान मोर्चा में उपाध्यक्ष रहे किसान नेता नरेश सिरोही कहते हैं कि इसके लिए जरूरत है कि भारत अपनी सापेक्ष नीति बदले. नरेश सिरोही बताते हैं कि कृषि राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह ने 1977 में, जो कृषि नीति तैयार की है, उसमें उन्होंने लिखा है कि देश की सापेक्ष नीति यानी ट्रेड ऑफ टर्म किसानों के विपरीत है.
सिरोही बताते हैं कि नीति में स्पष्ट किया गया है कि कृषि उत्पादों की तुलना में अन्य उत्पादों के दाम प्रत्येक साल औसतन 12 से 15 साल अधिक रहते हैं, जबकि अन्य व्यवसायों की तुलना में प्रत्येक सात साल में खेती से होनी वाली आय आधी रह जाती है. ऐसे में किसानों की आय कैसे बढ़ेगी. वहीं मौजूदा वक्त में MSP तय करने के लिए फसलों की लागत निकालने काे निर्धारित फार्मूले में विसंंगति है. उसे भी दूर करने की जरूरत है.
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