बिहार सरकार बागवानी पर एक बड़ी स्कीम लेकर आई है. इसमें सोलर पैनल से चलने वाले कूलिंग चैंबर को बनाने के लिए 6.50 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है. अब जान लें कि ये कूलिंग चैंबर क्या होता है जिसे सोलर पैनल से चलाया जाता है. कूलिंग चैंबर फ्रिज की तरह एक औजार है जिसमें फल और सब्जियों को ताजा रखा जाता है. सरकार इसी चैंबर को बनाने के लिए सब्सिडी दे रही है. पूरी खबर जानने के लिए नीचे दी गई डिटेल को पढ़ें.
बदलते परिवेश में बिहार के किसान अब पारंपरिक खेती को छोड़कर बागवानी फसलों की ओर तेजी से रुचि दिखा रहे हैं. दरअसल फल-सब्जी की खेती को लेकर आधुनिक तकनीकों के आ जाने से बागवानी क्षेत्र में किसानों को अच्छा मुनाफा भी हो रहा है. लेकिन किसानों के लिए सबसे बड़ी एक चिंता ये है कि उनके फसलों को अधिक दिनों तक बचा के कैसे रखा जाए. मसलन धान और गेहूं के मुकाबले फल और सब्जियों की सेल्फ लाइफ काफी कम होती है. इसलिए कटाई के 2-3 दिन के अंदर इन्हें बाजारों तक पहुंचाना जरूरी होता है. नहीं तो वो खराब हो जाते हैं. कुल मिलाकर बात ये है कि उन फसलों को किसान अपने पास अधिक दिनों तक कैसे रख सकें.
बिहार कृषि विभाग और बागवानी निदेशालय की ओर से किए गए ट्वीट के मुताबिक, मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के अंतर्गत सोलर पैनल माइक्रो कूलर चैंबर बनाने के लिए सरकार 50 फीसदी का सब्सिडी दे रही है. इस सोलर पैनल चैंबर की मदद से किसान अपने फल, सब्जी और अन्य कृषि उत्पादों को चैंबर में कई दिनों तक सुरक्षित रख सकते हैं और उसकी क्वालिटी बनाए रख सकते हैं.
मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत बिहार के किसानों को सोलर पैनल माइक्रो कूल चैंबर बनाने के लिए सरकार 50 की सब्सिडी दे रही है. सोलर पैनल चैंबर की इकाई लागत 13 लाख रुपये है जिस पर किसानों को चैंबर बनाने के लिए 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी यानी 6.50 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी.
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यदि आप भी बिहार के किसान हैं और बागवानी फसलों की खेती करते हैं, तो सोलर पैनल माइक्रो कूल चैंबर स्थापित करने के लिए सरकार आपको सब्सिडी मुहैया करा रही है. इस योजना के तहत किसान के अलावा कृषक समूह, गैर सरकारी संस्था, स्वयंसेवी संस्था, बिजनेसमैन भी इस सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं. वहीं बिहार सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए वेबसाइट के लिंक पर विजिट कर सकते हैं. इसके अलावा किसान अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के कृषि या बागवानी विभाग के कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं.