 MP में बीज खरीद पर 80 परसेंट सब्सिडी दे रही सरकार
MP में बीज खरीद पर 80 परसेंट सब्सिडी दे रही सरकारवर्तमान समय में मिलेट्स पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें मोटा अनाज यानी मिलेट्स की खेती को बढ़ावा दे रही है. क्योंकि मिलेट की खेती में लागत कम और मुनाफा ज्यादा मिलता है. इसी को देखते हुए, मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों में मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए “मध्यप्रदेश राज्य मिलेट मिशन योजना” की शुरुआत की है. इससे प्रदेश में मिलेट फसलों का उत्पादन बढ़ेगा. साथ ही मिलेट फसलों की ब्रांड वैल्यू स्थापित होगी. दुनिया में मिलेट्स की 13 वैरायटी मौजूद हैं. अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 के लिए मध्य प्रदेश में 8 प्रकार के अनाज जैसे, बाजरा, रागी कुटकी, सांवा, ज्वार, कंगनी, चेना और कोदो मिशन में शामिल हैं.
वहीं इस योजना के तहत श्री अन्न की खेती को प्राथमिकता से बढ़ावा देने, बीज, ट्रेनिंग, कार्यशाला और मिलेट के प्रचार प्रसार भी किया जाएगा. इसके अलावा सरकार किसानों को मोटे अनाजों के बीज पर सब्सिडी दिया जाएगा.
मध्य प्रदेश सरकार के मुताबिक, मिलेट मिशन पूरे प्रदेश में चलेगा. 2023-24 और 2024-25 दो वर्षों में 23 करोड़ 25 लाख रुपये इस पर खर्च होंगे. इसके तहत किसानों को उन्नत प्रमाणित बीज सहकारी, शासकीय संस्थाओं से 80 प्रतिशत सब्सिडी पर मिलेगा. योजना की मॉनिटरिंग के लिए कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति गठित की जाएगी.
ये भी पढ़ें;- Millet Recipe: बाजरे की ये जापानी डिश खूब खुश होकर खाएंगे बच्चे, ये रही रेसिपी
मध्यप्रदेश राज्य मिलेट मिशन योजना के तहत मिलेट फसलों की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार द्वारा न केवल किसानों को सब्सिडी पर बीज दिए जाएंगे बल्कि मिलेट मिशन योजना की गतिविधियों का बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार किया जाएगा. मिलेट फसलों के उत्पादन, प्र-संस्करण और विपणन को बढ़ावा देने के लिए किसानों के प्रशिक्षण कार्यक्रम और राज्य के बाहर अध्ययन भ्रमण भी किया जाएगा. इसके अलावा मिलेट को बढ़ावा देने के लिए जिला और राज्य स्तर पर मेले, कार्यशाला, सेमीनार, फूड फेस्टिवल, रोड-शो किए जाएंगे.
मिलेट्स अनाज की फसलें कभी मध्य प्रदेश की खानपान की संस्कृति के केंद्र में थी. वर्तमान में इन फसलों के पोषक महत्व को दृष्टिगत रखते हुए इन्हें बढ़ावा दिया जाना आवश्यक है. इन फसलों की खेती कम उपजाऊ वाले क्षेत्रों में की आसानी से की जा सकती है. वर्तमान में लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ने से मिलेट्स फसलों की मांग भी बढ़ रही है. वहीं मोटा अनाज स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से अत्यंत लाभदायक भी हैं. क्योंकि मिलेट आयरन, कैल्शियम और फाइबर आदि जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है. साथ ही इनमें वसा का प्रतिशत भी कम होता है, जिससे हृदय रोगी और डायबिटीज रोगियों के रामबाण इलाज माना जाता है. इसलिए किसानों के बीच मिलेट्स फसलों की खेती को प्रोत्साहित करने और मिलेट्स फसलों से तैयार व्यंजनों का प्रचार-प्रसार किया जाना आवश्यक है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today