अयोध्या से 800 किलोमीटर दूर भोपाल के फूलों से सजेगी राम की नगरी, नर्सरी को मिला आर्डर

अयोध्या से 800 किलोमीटर दूर भोपाल के फूलों से सजेगी राम की नगरी, नर्सरी को मिला आर्डर

नर्सरी के मालिक रामकुमार राठौर के मुताबिक बोगनवेलिया के 5 अलग-अलग रंगों के 35 हज़ार पौधे अबतक अयोध्या भेजे जा चुके हैं, जहां रामपथ और धर्मपथ पर उन्हें लगाने का काम उनके बड़े भाई रामप्रकाश राठोड देख रहे हैं.

अयोध्या से 800 किलोमीटर दूर भोपाल के फूलों से सजेगी राम की नगरीअयोध्या से 800 किलोमीटर दूर भोपाल के फूलों से सजेगी राम की नगरी
रवीश पाल सिंह
  • Bhopal,
  • Jan 03, 2024,
  • Updated Jan 03, 2024, 6:02 PM IST

अयोध्या में जब 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठान होगी और दुनिया भर से राम भक्त अयोध्या पहुंचेंगे. राम भक्त रामपथ-धर्मपथ से चलते हुए रामलला के दर्शनों का लाभ लेने जाएंगे तो सड़क के बीचोबीच डिवाइडर पर भोपाल में उगे फूलों से उनका स्वागत होगा. दरअसल, अयोध्या के रामपथ और धर्मपथ पर फूल लगाकर उसे हरा-भरा रखने की ज़िम्मेदारी भोपाल के एक नर्सरी मालिक को मिली है. भोपाल की निसर्ग नर्सरी को अयोध्या से 50 हज़ार पौधों का आर्डर मिला है, जिसमे करीब 35 हज़ार बोगनवेलिया के पौधे हैं, तो वहीं 15 हज़ार अन्य किस्म के पौधों का ऑर्डर इस नर्सरी को मिला है.

अबतक अयोध्या पहुंचे 35 हजार पौधे 

नर्सरी के मालिक रामकुमार राठौर के मुताबिक बोगनवेलिया के 5 अलग-अलग रंगों के 35 हज़ार पौधे अबतक अयोध्या भेजे जा चुके हैं, जहां रामपथ और धर्मपथ पर उन्हें लगाने का काम उनके बड़े भाई रामप्रकाश राठोड देख रहे हैं. रामकुमार राठोड के मुताबिक बोगनवेलिया के पौधे का चयन इसलिए किया गया है, क्योंकि इसे बहुत ज्यादा पानी की ज़रूरत नहीं होती और इसका पौधा तेज़ गर्मी को भी झेल लेता है. वहीं ये पौधा जितना गर्मी पड़े उतना ही फलता-फूलता है, इसलिए इसका चयन किया गया है.

ये भी पढ़ें:- कुछ ही दिनों में प्याज की फसल को मार देती है ये बीमारी, लक्षण और उपचार की जानें टिप्स

टेंडर के तौर पर नर्सरी का हुआ चयन 

रामकुमार राठोड के मुताबिक अयोध्या से उनकी नर्सरी की वेबसाइट को देखकर संपर्क किया गया था. करीब 4-5 लोगों का एक दल 4 दिनों तक भोपाल में उनकी नर्सरी को देखने के लिए रुके और अयोध्या जाकर ओपन टेंडर खोले गए. इस टेंडर बिड में देश की करीब आधा दर्जन बड़ी फॉर्म ने भाग लिया, लेकिन इसकी ज़िम्मेदारी भोपाल की निसर्ग नर्सरी को मिली.

मेंटेनेंस राशि के रूप में नहीं लेंगे रुपये

निसर्ग नर्सरी के मालिक रामकुमार राठोड के मुताबिक उनके भाई बड़ी-बड़ी संस्थाओं में हॉर्टिकल्चर का ठेका लेते रहते हैं, जिसमे भोपाल की ज्यूडिशियल लॉ अकेडमी, भोपाल मेमोरियल अस्पताल, बीना रिफायनरी, इसरो और आयशर प्लांट शामिल है. जिनसे वो फूलों की रखरखाव का चार्ज भी लेते हैं, लेकिन श्री राम की नगरी में फूल लगाने के बाद उसकी मेंटेनेंस राशि के रूप में वो एक रुपये भी नहीं ले रहे, क्योंकि इस काम को वो प्रभु राम की सेवा के तौर पर देख रहे.

MORE NEWS

Read more!