बढ़ती महंगाई न सिर्फ आम आदमी के लिए परेशानी का सबब बन रही है. बल्कि आगामी चुनाव को देखते हुए यह सरकार के लिए भी चुनौती खड़ी करती नजर आ रही है. आपको याद दिला दें कि कुछ दिन पहले तक टमाटर की कीमत ने लोगों को दिन में तारे दिखा दिए थे. जो टमाटर 20-30 रुपये किलो बिकता था, अचानक उसकी कीमत 200 से 300 रुपये किलो तक पहुंच गई. जिस वजह से न सिर्फ आम लोगों ने बल्कि बड़ी-बड़ी कंपनीयों ने भी अपने मेनू से टमाटर निकाल फेंका था. वहीं टमाटर के बाद दाल और अब प्याज की बढ़ती कीमत ने लोगों को परेशान कर रखा है.
एक के बाद एक बढ़ती महंगाई ने लोगों के घरेलू बजट को बिगाड़ दिया है. ऐसे में लोगों के बिगड़े बजट को संभालने के लिए FPO की ओर से किया जा रहा है. वो कैसे आइए जानते हैं.
प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए मेदारीपुर कृषक संगठन ने सराहनीय कदम उठाया है. आपको बता दें कि अब आप घर बैठे आसानी से कम कीमत पर प्रीमियम क्वालिटी का प्याज ऑर्डर कर सकते हैं. यह सुविधा आपको मेदारीपुर FPO की ओर से दिया जा रहा है. मेदारीपुर FPO से प्याज ऑर्डर करने पर आपको मात्र 35 रुपये प्रति किलो का भुगतान करना होगा. ऑर्डर आप इस लिंक: https://www.mystore.in/en/seller/medaripur के माध्यम से कर सकते हैं.
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आपको बता दें टमाटर के बाद प्याज की बढ़ती कीमत ने लोगों को हैरान कर दिया है. ऐसे में प्याज की कीमत को कम करने के लिए सरकार द्वारा भी कई कदम उठाए जा रहे हैं. प्याज की बढ़ती कीमतों को कम करने के लिए केंद्र ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस साल भी NAFED और NCCF द्वारा तीन लाख टन प्याज खरीदा गया है. दोनों सहकारी एजेंसियों ने डेढ़-डेढ़ लाख टन की खरीद की है. इतनी अच्छी खरीदारी के कारण प्याज की कीमत में बढ़ोतरी हुई है. किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिला है. इस बीच ऐसी खबरें भी आईं कि देश में प्याज की कीमतें बढ़ गई हैं. उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही है. इसका एक कारण यह भी है कि मौसम थोड़ा खराब चल रहा था. खरीफ-2023 की बुआई में देरी के कारण इस साल उपभोक्ताओं के लिए कीमत बढ़ने की आशंका थी.
केंद्र सरकार ने 19 अगस्त को प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगा दिया था. वहीं प्याज उत्पादक किसान इससे काफी दुखी हैं. सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए किसानों और व्यापारियों ने बाजार बंद कर दिया और सड़क भी जाम कर दी. वहीं, प्याज निर्यातकों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से सीधे तौर पर पाकिस्तान और चीन जैसे थोक प्याज उत्पादक देशों को फायदा होगा.
प्याज पर 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगाने को लेकर महाराष्ट्र के किसान और व्यापारी दोनों ही सरकार के खिलाफ नाराज हैं. दोनों ने मंडियों को अनिश्चित काल के लिए बंद रखने का फैसला किया है. इससे महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई है. इस बीच केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इस पूरे मामले पर सफाई देते हुए कहा कि सरकार के लिए किसान और उपभोक्ता दोनों महत्वपूर्ण हैं. दोनों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है. गोयल ने कहा कि किसानों के हित के लिए NAFED और NCCF दो लाख टन अतिरिक्त प्याज खरीदेंगे. इसकी खरीद 2410 रुपये प्रति क्विंटल की दर से होगी. जो ऐतिहासिक है. सरकार ने कभी भी इतनी ऊंची कीमत पर किसानों से प्याज नहीं खरीदा था.