दालों की महंगाई ने आम लोगों को परेशान कर रखा है. अब तक लोग सब्जियों और मसालों की महंगाई से परेशान थे. अब इसमें नया नाम प्याज और दालों का जुड़ गया है. इससे पहले टमाटर ने लोगों को परेशान किया था. हर दिन नई महंगाई सामने आने से लोगों के किचन का बजट बिगड़ गया है. दालों की बात करें तो अरहर ने सबसे अधिक परेशान किया है. इसकी मांग भी ज्यादा है, इस हिसाब से अरहर की महंगाई लोगों को सबसे अधिक चुभ रही है. आज की ये खबर मध्य प्रदेश से है जहां इसका उत्पादन अधिक होता है और खपत भी अधिक है.
मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा बेल्ट में तुअर यानी अरहर का उत्पादन अच्छी मात्रा में होता है. गाडरवारा में इसी फसल से अरहर की दाल बनाई जाती है. गाडरवारा की अरहर दाम अपने खास स्वाद के लिए जानी जाती है. इसी कारण मध्य प्रदेश सरकार द्वारा इस दाल को एक जिला एक उत्पाद में शामिल किया गया है जो प्रदेश सहित देश के विभिन्न इलाकों में बिक्री के लिए जाती है. लेकिन इस समय अरहर की दाल के रेट आसमान छूने से आम आदमी के किचन का बजट बिगड़ गया है. इसे लेकर गल्ला मंडी में व्यापारियों ने दाल महंगे होने के विभिन्न कारण बताए हैं.
गल्ला मंडी और शुगर मिल संचालक और व्यापारियों ने बताया कि इस वर्ष किसानों द्वारा कम रकबे में अरहर की फसल लगाई थी. इसी शॉर्टेज के कारण अरहर के रेट अभी वर्तमान में 10 हजार रुपये क्विंटल से ऊपर है. वहीं नई फसल फरवरी महीने में बाजार में आएगी. इसे लेकर अभी दाल के रेट और बढ़ने की संभावना है. अरहर की फसल साल में एक बार होती है जिससे किसानों का इस फसल से मोह भंग हो रहा है. वहीं किसान अब अन्य तीनों सीजन वाली फसलों की खेती करने लगे हैं. इसलिए भी अरहर की खेती का रकबा कम होता जा रहा है.
करेली मंडी के सचिव अरविंद मुगदल ने बताया कि इस वर्ष रकबा कम होने के कारण अरहर बिक्री के लिए मंडी में कम आ रही है. वर्तमान स्थिति में अरहर दाल 9500 से 10700 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है. वहीं अरहर महंगी है, उसकी दाल बनाने में और अधिक लागत आती है इसलिए महंगी है.
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तुअर दाल मिल संचालक रामलाल राय ने बताया कि तुअर के उत्पादन की कमी है. किसानों द्वारा बड़े स्तर पर तुअर की खेती न करना भी महंगाई का कारण है. इसके कारण उत्पादन में कमी आई है और रेट बढ़े हैं. अभी खड़ी तुअर 115 से 120 रुपए किलो है. वहीं तुअर की दाल 140 से 160 रुपए प्रति किलो है. रामलाल राय कहते हैं कि बड़े स्तर पर शॉर्टेज होने के कारण रेट कम होने की अभी कोई संभावना नहीं है. इस बार रेट अच्छे होने के कारण किसानों का रुझान फिर बढ़ गया है.
अरहर व्यापारी नीरज परिहार ने बताया कि मंडी में अरहर अभी लगभग 100 बोरा के करीब आ आ रही है. इस वर्ष फसल कम होने के कारण आवक कम है. यदि उपज अच्छी होगी तो दाल के रेट भी कम होंगे. वहीं दाल की स्थिति अभी 150 से 160 रुपये प्रति किलो बनी हुई है. अरहर अभी मंडी में 10000 से 11000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच में बिक रही है. वहीं अरहर की अगली फसल फरवरी मार्च में आएगी. तब तक महंगाई कम होने की संभावना कम है.
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