"मेरे दिमाग की कीमत 200 करोड़ रुपए प्रतिमाह, पैसे के लिए नहीं कर रहा खेती में प्रयोग..." ऐसा क्यों बोल गए गडकरी?

"मेरे दिमाग की कीमत 200 करोड़ रुपए प्रतिमाह, पैसे के लिए नहीं कर रहा खेती में प्रयोग..." ऐसा क्यों बोल गए गडकरी?

Nitin Gadkari: नागपुर में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि मुझे ईमानदारी से पैसे कहां से कमाना, ये अच्छे से मालूम है. मेरे दिमाग की कीमत 200 करोड़ रुपए प्रतिमाह है. मैं ये प्रयोग किसानों को दिखाने के लिए कर रहा हूं ताकि वो भी ऐसे प्रयोग करें.

Nitin Gadkari, Minister for Road Transport and HighwaysNitin Gadkari, Minister for Road Transport and Highways
योगेश पांडे
  • नागपुर,
  • Sep 14, 2025,
  • Updated Sep 14, 2025, 2:19 PM IST

महाराष्ट्र के नागपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि मेरे दिमाग की कीमत 200 करोड़ रुपए प्रतिमाह है. मुझे पैसे की कोई कमी नहीं. मुझे ईमानदारी से पैसे कहां से कमाना, ये अच्छे से मालूम है. मैं अपने बेटों को आइडिया देता हूं. गडकरी ने आगे कहा कि मेरे यहां शुगर फैक्ट्री है, डिस्टिलरी है, पावर प्लांट है. मैं पैसों के लिए खेती में प्रयोग नहीं कर रहा, मैं ये प्रयोग किसानों को दिखाने के लिए कर रहा हूं ताकि वो भी ऐसे प्रयोग करें.

"मेरी कमाई भरपूर, मुझे पैसे की कोई कमी नहीं"

नागपुर में कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि प्रताप नगर इलाके में एक सब्जी विक्रेता हैं, जो मेरे यहां से सब्जी खरीदता है. हमने उसको फ्रूट मॉल डालने के लिए बोला है. एक मनीष नगर में पूर्ति सुपर बाजार में फ्रूट मॉल आएगा और एक लक्ष्मी नगर में आएगा. एक वर्धा रोड पर रेडिसन होटल के पास बना रहे हैं. किसान अपना माल लाएं और डायरेक्ट यहां बेचें. गडकरी ने आगे कहा कि मैं पहले ही आप लोगों को बताना चाहता हूं कि मेरी कमाई के लिए मैं यह सब नहीं कर रहा हूं, वरना आप को कुछ और लगेगा. मेरी कमाई भरपूर है. मेरे दिमाग की कीमत 200 करोड़ रुपए प्रति महीना है. मुझे पैसे की कोई कमी नहीं है.

"मैं किसानों के लिए कर रहा प्रयोग..."

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आगे कहा, "मुझे पता है कि कहां से पैसे कमाना है, वो भी ईमानदारी से. मैं फ्रॉड नहीं करता. मैं मेरे बेटे को आइडिया देता हूं. अभी मेरे बेटे ने 800 कंटेनर सेब ईरान से मंगाए और 1000 कंटेनर केले भारत से ईरान भेजे. ईरान के साथ पैसे का व्यवहार नहीं होता है. मेरा बेटा इंपोर्ट, एक्सपोर्ट का काम करता है. मेरे यहां शुगर फैक्ट्री है, डिस्टिलरी है, पावर प्लांट है." उन्होंने कहा कि मैं अपने पैसे के लिए खेती में प्रयोग नहीं कर रहा, बल्कि मैं प्रयोग किसानों को दिखाने के लिए कर रहा हूं ताकि वो भी प्रयोग करें.

इथेनॉल ब्लेंडिंग को लेकर घेरे में गडकरी

गौरतलब है कि हाल ही में पेट्रोल में इथेनॉल की 20 प्रतिशत मिलावट को लेकर देशभर में इस फैसले को लेकर जनता के बीच खासा रोष देखने को मिला है. आरोप लगाए जाते हैं कि पेट्रोल में 20 फीसद ब्लेंडिंग का 2030 तक का टारगेट, जल्दबाजी में 2025 में ही पूरा कर लिया गया है. ताकि नितिन गडकरी के बेटे जो कि एथेनॉल प्रोडक्शन के बिजनेस में हैं, उन्हें फायदा मिल सके. हाल ही में नितिन गडकरी ने ये भी कहा है कि डीजल में इथेनॉल मिलाने का काम असफल रहा है. हम डीजल में आइसोब्यूटेनॉल मिलाएंगे. डीजल में आइसोब्यूटेनॉल मिलाने की प्रक्रिया जल्द ही बढ़ाई जाएगी. 

(रिपोर्ट: योगेश पांडे)

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