गेंदा फूल की खेती काफी फायदेमंद मानी जाती है. इससे किसानों को अच्छी कमाई भी होती है. इसकी खेती में किसानों को इसलिए फायदा होता है क्योंकि पूरे साल इसकी मांग बनी रहती है. साथ ही पूरे साल इसकी खेती की जा सकती है. इसके अलावा गेंदा फूल का इस्तेमाल औषधि बनाने और अगरबत्ती, धूप औऱ परफ्यूम बनाने में भी किया जाता है. किसान एक साल में तीन बार इसकी खेती कर सकते हैं. किसान इससे अच्छा उत्पादन हासिल कर सकते हैं और अच्छी कमाई ले सकते हैं. पर इसके लिए किसानों को यह जानना जरूरी है कि गेंदा की उन्नत खेती कैसे की जाती है. इसके जरिए किसान अच्छी क्वालिटी के साथ अधिक उत्पादन हासिल कर सकते हैं और अच्छी कमाई पा सकते हैं.
इसलिए हमें यह जानना चाहिए कि इसकी उन्नत खेती कैसे की जाती है और इसकी उन्नत खेती करने के लिए बढ़िया क्वालिटी के बीज कहां मिलेंगे. यह भी जानना चाहिए कि इसकी उन्नत किस्म के बीच कौन से होते हैं. किसान जिला बागवानी मिशन के ऑफिस में जाकर अधिकृत नर्सरी या बीज विक्रेता की जानकारी ले सकते हैं. यहां किसानों को अच्छी क्वालिटी के बीज मिल जाएंगे जिससे उत्पादन भी अच्छा मिलेगा.
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भारत में अधिकांश किसान सर्दियों के मौसम में गेंदा फूल की खेती करते हैं क्योंकि इस समय फूलों का विकास अच्छे से होता है. साथ ही फूलों की क्वालिटी भी अच्छी होती है. गेंदा की खेती किसी भी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है. उसके लिए मिट्टी में कार्बन कंटेट होना चाहिए. इसके साथ ही इसकी खेती के लिए मिट्टी का पीएच लेवल 7-7.5 के बीच होना चाहिए. गेंदा की खेती के लिए पर्याप्त धूप की जरूरत होती है. इसलिए छायादार जगह में इसकी खेती करनी चाहिए.
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देश के वैज्ञानिकों ने देश के अलग -अलग हिस्सों के मौसम और भौगोलिक स्थिति को दखते हुए अलग-अलग किस्मों के फूल विकसित किए हैं. गेंदा की उन्नत किस्मों में अफ्रीकन गेंदा क्लाईमेक्स, पूसा नारंगी, पूसा बसंती क्राउन ऑफ गोल्ड, फ्रेंच गेंदा येलो क्राउन, पूसा नारंगी, येलो सुप्रीम, जुबली इंडियन चीफ जैसी किस्में शामिल हैं. इन किस्मों की खेती करके किसान अच्छी कमाई हासिल कर सकते हैं. गेंदा की इन किस्मों में अलग-अलग रंग के फूल खिलते हैं. बीज बुवाई के 120-130 दिनों के बाद इनसे फूल आना शुरू हो जाता है. बेहतर किस्म की खेती करने से अच्छी उपज प्राप्त होती है.