UP: कानपुर में पराली प्रबंधन को लेकर गांव-गांव पहुंच रहे कृषि वैज्ञानिक, किसानों से कर रहे अपील!

UP: कानपुर में पराली प्रबंधन को लेकर गांव-गांव पहुंच रहे कृषि वैज्ञानिक, किसानों से कर रहे अपील!

Stubble Burning: डॉ खान ने किसानों से वायु प्रदूषण को रोकने और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए पराली को जलाने से रोकने की अपील की. कृषि चौपाल में किसानों को फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए आधुनिक मशीनों और नई तकनीकों की जानकारी दी गई.

कृषि चौपाल में किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जानकारी दी गई (Photo-Kisan Tak)कृषि चौपाल में किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जानकारी दी गई (Photo-Kisan Tak)
क‍िसान तक
  • LUCKNOW,
  • Nov 24, 2025,
  • Updated Nov 24, 2025, 9:34 AM IST

उत्तर प्रदेश में पराली प्रबंधन को लागू कराने और किसानों को फसल अवशेष जलाने से रोकने के लिए कृषि विभाग ने नई गाइडलाइन जारी की हैं. इसी क्रम में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर द्वारा ग्राम अनूपपुर में कृषि चौपाल में किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जानकारी दी गई. जिसमें पराली न जलाने और उसे वैज्ञानिक तरीके से संभालने के महत्व पर जोर दिया गया.

पराली को खेत में मिलाकर खाद बनाना

मृदा वैज्ञानिक डॉ खलील खान ने किसानों को फसल अवशेषों को जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण और मिट्टी की उर्वरता में कमी के नुकसान बताए. साथ ही उन्हें सरकार द्वारा सब्सिडी पर उपलब्ध आधुनिक कृषि मशीनों और तकनीकों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया. जैसे कि पराली को खेत में मिलाकर खाद बनाना, सुपरसीडर एवं हैप्पीसीडर से गेहूं की बुवाई करने की सलाह दी.

कृषि विज्ञान केंद्र कानपुर के वैज्ञानिक लगातार किसानों को जागरूक कर रहे है.

डॉ खान ने किसानों से वायु प्रदूषण को रोकने और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए पराली को जलाने से रोकने की अपील की. कृषि चौपाल में किसानों को फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए आधुनिक मशीनों और नई तकनीकों की जानकारी दी गई, जैसे कि इन-सीटू प्रबंधन, जिसमें पराली को सीधे खेत में जोत दिया जाता है. इस अवसर पर कृषि विभाग की योजनाओं के बारे में बताया गया.

कृषि उपकरणों पर 50 से 80% तक सब्सिडी

जिनमें किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए आधुनिक कृषि उपकरणों पर 50 से 80% तक सब्सिडी दी जा रही है. वहीं किसानों को पराली के अन्य उपयोगी उपयोगों के बारे में भी बताया गया, जैसे कि उसे खाद, पशु चारे या बायो-फ्यूल बनाने में उपयोग करना. इस अवसर पर कृषि विभाग के एटीम परमेश कमल, बीटीएम प्रशांत कुशवाहा, प्रगतिशील कृषक अनिल कुमार, राजकुमार, दिलीपकुमार सहित कृषक महिलाएं उपस्थित रहे.

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