महाराष्ट्र के किसानों के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में एक बड़ी घोषणा की है. उन्हें घोषणा करते हुए कहा कि राज्य के धान किसानों को प्रति हेक्टेयर 20 हजार रुपये का बोनस दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि पिछले डेढ़ साल में राज्य के किसानों के बीच रिकॉर्ड 44 हजार 278 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में किसान आत्महत्या एक बड़ी समस्या है. इसे रोकने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सूखा, अतिवृष्टि, बेमौसम बारिश, बाढ़ और ओला जैसी हर प्राकृतिक आपदा में राज्य सरकार किसानों के साथ मजबूती से खड़ी रही है.
किसानों के मुद्दों पर चर्चा में मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि पिछले डेढ़ साल में हमने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को 44 हजार 278 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड सहायता प्रदान की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज शेतकरी सम्मान योजना के तहत 4.4 लाख किसानों को 18 हजार 762 करोड़ रुपये की कर्ज माफी का लाभ दिया गया है. इसके साथ ही किसानों को इस वर्ष प्रति हेक्टेयर 20 हजार रूपये का बोनस की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र में पहली बार प्याज़ किसानों को राहत पहुंचाने के लिए प्याज महाबैंक की स्थापनी करने की घोषणा की है.
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राज्य में किसान आत्महत्या एक बड़ी समस्या है. सीएम शिंदे ने इसे लेकर विधानसभा में कहा कि किसान आत्महत्याओं को रोकने के लिए टास्क फोर्स का पुनर्गठन करने की घोषणा की है. यह टास्क फोर्स राज्य में कृषि को फायदेमंद बनाने के लिए उठाए जाने वाले कार्यों पर चर्चा करेगी, साथ ही कृषि उत्पादन को बढ़ाने क्या किया जा सकता है इस पर विचार करेगी और बेमौसम बारिश, सूखा या प्राकृतिक आपदा से फसलों को कैसे बचाया जाए ताकि किसानों को नुकसान नहीं इसे लेकर कार्य करेगी.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि प्राथमिक अनुमान के अनुसार राज्य में बेमौसम बारिश के कारण 9.75 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई और प्रभावित किसानों के लिए 2,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की. विधानसभा में बोलते हुए सीएम ने कहा कि छह जिलों में फसल क्षति का आकलन लंबित है और उन्हें जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. सीएम शिंदे ने विधानसभा में कहा कि प्रतीकात्मक संकेत के रूप में, कुछ किसानों को आज मुआवजे के चेक दिए गए. शेष किसानों को मुआवजे की राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा कराई जाएगी. बता दें कि नवंबर के अंत में राज्य के कई हिस्सों में बेमौसम बारिश हुई, जिससे फसलों, फलों और सब्जियों को नुकसान हुआ.