नई दिल्ली में गुरुवार को आयोजित किसान तक समिट संपन्न हो गया. प्रोग्राम में मुख्य अतिथि के तौर पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए जबकि उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने भी इसमें शिरकत की. कार्यक्रम में कृषि से जुड़े हर क्षेत्र के विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान भी शामिल हुए. इन किसानों के लिए 'खेती का नुस्खा' नाम की एक प्रतियोगिता आयोजित की गई. इसमें किसानों को अपने नुस्खे बताने थे जिससे खेती-किसानी में मदद मिल सकती है. इस नुस्खे के आधार पर 'किसान तक' ने 10 किसानों को सम्मानित किया.
इन 10 किसानों में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पाने वाले किसानों को क्रमश: 10,000, 5000 और 2500 रुपये की राशि दी गई. साथ में गिफ्ट हैंपर और पौधा भी दिया गया. तो आइए उन 10 किसानों के नाम जान लेते हैं जिन्हें किसान तक ने सम्मानित किया है.
1-प्रथम पुरस्कार- मंजू रानी, गाजियाबाद
2-द्वितीय- अभिषेक पांडेय, रायबरेली
3-तृतीय- आकाश- गाजियाबाद
इसमें तीनों विजेताओं को क्रमश: 10000, 5000 और 2500 रुपये की राशि दी गई. इसके अलावा इन तीनों विजेताओं को धानुका और स्टार एग्री की ओर से गिफ्ट हैंपर दिए गए. अब जान लेते हैं बाकी विजेनताओं के नाम.
4-ललन कुमार, अमरोहा
5-अजय सिंह- ललितपुर
6-महेंद्र कुमार- गाजियाबाद
7-शिवकुमार- गाजियाबाद
8-अभिषेक- गाजियाबाद
9-उदय प्रताप सिंह- गाजियाबाद
10-नीलम त्यागी-गाजियाबाद
गाजियाबाद की रहने वाली मंजू रानी ने कहा कि वे मुख्य तौर पर मछलीपालन काम करती हैं. इसमें उन्हें पीएम मत्स्य पालन योजना का लाभ मिला है. उन्होंने केंद्र सरकार की सब्सिडी योजना का लाभ उठाया है. मंजू रानी मछली पालन के साथ ही सिंघाड़े की खेती करती हैं. मंजू रानी ने बताया कि पीएम संपदा योजना के तहत 10 लाख की सब्सिडी मिलती है जिसका 60 परसेंट महिलाओं को और 40 परसेंट पुरुषों को दिया जाता है. उस सब्सिडी योजना का लाभ उठा चुकी हूं. मंजू रानी ने कहा कि वे मछली पालन के अलावा तालाब के किनारे अमरूद की खेती करती हैं. एक पौधा 150-200 किलो फल दो साल में देता है और बाजार में 160 रुपये किलो तक बिकता है. इससे लखपति बनने का सुनहरा मौका है.
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इस कार्यक्रम में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. कृषि मंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश में उनके समय में जैसा कृषि मॉडल लागू था, उसे ही पूरे देश में लागू करने की कोशिश है. इस मॉडल में उन्होंने बताया कि उत्पादन बढ़ाना, लागत कम करना, ठीक दाम देना, किसान की भरपाई करना और कृषि का विविधीकरण पर जोर शामिल है.
केंद्रीय कृषि मंत्री हर मंच से किसानों की आय बढ़ाने के लिए 6 सूत्रीय रणति की चर्चा कर रहे हैं, ताकि किसानों को कर्जमाफी आदि की जरूरत न पड़े. हाल ही में उन्होंने राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में इसका जिक्र किया था और समझाया था कि वे खेती और किसानों के लिए किस रोडमैप के तहत काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि इस रणनीति के तहत पहला- किसानों की कृषि उपज (उत्पादन) को बढ़ाया जाएगा. दूसरा उत्पादन की लागत कम करना, तीसरा- उत्पादन का उचित मूल्य देना, चौथा- प्राकृतिक आपदा में किसानों की मदद करना, पांचवां- कृषि का विविधीकरण इसमें अलग-अलग फसलों जैसे बागवानी- फल, फूल, सब्जी, औषधि आदि की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा और छठवां - वैल्यू एडिशन. इसके तहत उत्पादित फल सब्जियों से प्रोसेस्ड फूड तैयार कर उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार तक बेचने का काम किया जाएगा, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा.
कार्यक्रम में उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा, आज किसानों के लिए जितनी योजनाएं आ रही हैं, उसमें कोशिश है कि उसका पूरा लाभ किसान तक पहुंचे तभी डीबीटी और सीधा किसान के खाते में पैसे भेजे जाते हैं. हमारी जितनी भी योजनाएं हैं उसमें यही कोशिश करते हैं कि किसानों के खाते में सीधा लाभ जाए.
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कृषि मंत्री ने कहा कि ये लोग (विपक्ष) मोदी जी के सुधार कार्यों को रोकना चाहते हैं, तभी ऐसे काम करते हैं. इसलिए सोशल मीडिया के माध्यम से यह सच्चाई लोगों तक जानी चाहिए. हमने तीन कृषि कानूनों को रोका है, उसे फिर से लागू करेंगे और किसानों को फायदा देंगे. थोड़ा इंतजार कीजिए, कानूनों को वापस लिया है, स्थगित नहीं किया है. उसे लागू करेंगे, पीएम मोदी जी लागू करेंगे. यह दावे के साथ कहते हैं.