ग्रेटर नोएडा में जिन किसानों जमीन है उन किसानों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण खेती की जमीन का रेट बढ़ाने पर विचार कर रहा है. अब किसानों को यहां की जमीन की बढ़ी हुई कीमत मिलेगी. नोएडा प्राधिकरण के इस फैसले का फायदा 21 गांवों के किसानों को होगा. प्राधिकरण की तरफ से यह फैसला तब लिया गया जब इन गांवों के किसानों ने पुरानी दर 4,125 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर के हिसाब से अपनी जमीन बेचने से मना कर दिया. ग्रोटर नोएडा प्राधिकरण की अगली बोर्ड बैठक में जमीन की दरों में होने वाली वृद्धि तय की जाएगी. हालांकि अभी तक बैठक की तारीख तय नहीं हुई है.
नोएडा प्राधिकरण की तरफ से एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया था जिसमें औद्योगिक परियोजनाओं के लिए इन 21 गांवों से लगभग 600 हेक्टेयर जमीन खरीदने का इरादा जताया था. बता दें कि यहां पर नोएडा एयरपोर्ट के कारण निवेशकों की रुचि बढ़ी है. 'हिंदुस्तान टाइम्स' की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि कुमार एनजी ने कहा कि उन्हें पता चला है कि प्राधिकरण की तरफ से जमीन खरीदने के लिए नियमित रूप से दरों में बढ़ोतरी नहीं की गई है. इसके कारण प्राधिकरण की दर और बाजार की दरों में काफी अंतर देखा जा रहा है. रवि कुमार एनजी ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर के मजिस्ट्रेट से इस संबंध में मदद करने के लिए कहा गया है ताकि किसानों को उचित दाम दिया जा सके.
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वहीं दूसरी तरफ यहां के किसानों ने बताया कि औद्योगिक इस्तेमाल के लिए जो जमीन बेची जाती है, उसकी अधिक कीमत मिलती है. वहीं जमीन जब किसानों से ली जाती है तो किसानों से यह सस्ते में ली जाती है. किसानों ने इसके लिए प्राधिकरण की आलोचना की है. अधिकारियों ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेशकों की मांग को देखते हुए कृषि भूमि के अधिग्रहण के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को बार-बार उचित कदम उठाने का निर्देश दिया है. अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में प्राधिकरण 4,125 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से जमीन खरीद रहा है, जबकि बाजार दर करीब 15,000-20,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर है.
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इसे लेकर किसान नेता मनवीर भाटी ने कहा कि जब बाजार दर बहुत अधिक है तो किसान अपनी जमीन 4,125 रुपये प्रति वर्ग मीटर की सस्ती कीमत पर क्यों बेचेगा. उन्होंने कहा कि प्राधिकरण को इस पर काम कर करना चाहिए और हर साल कीमतों में होने वाली बढ़ोतरी को भी दरों में जोड़ना चाहिए. नोएडा प्राधिकरण 600 हेक्टेयर की जमीन के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी जमीन खरीदने में विफल रहा है क्योंकि किसान बेचने से इनकार कर रहे हैं. इसके कारण इन क्षेत्रों को विकसित करने के लिए बुनियादी ढांचों का निर्माण करने में परेशानी हो रही है. मौजूदा दर पर यहां के किसान जमीन बेचने के लिए तैयार नहीं हैं, इसलिए प्राधिकरण की तरफ से कीमत बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है.