जलवायु परिवर्तन का असर बिहार में भी हो रहा है. इसके कारण यहां बारिश में कमी देखी जा रही है. राज्य के सिर्फ आठ जिलों में ही अच्छी बारिश हुई है. बाकी किसी भी जिले में अच्छी बारिश नहीं हुई है. इसका असर धान की खेती पर पड़ रहा है. पानी के अभाव में किसानों के खेत सूख रहे हैं. इसके कारण किसानों को अपने खेतों में सिंचाई करना पड़ रहा है. राज्य में अभी तक सामान्य से 32 प्रतिशत कम बारिश हुई है. राज्य में इस अवधि तक सामान्य रूप से 462.9 मिली मीटर बारिश होती है पर अभी तक सिर्फ 314.3 एमएम ही बारिश हुई है. इसके कारण धान के साथ-साथ अन्य फसलों की खेती प्रभावित हुई है. बिहार में इस साल 36,60,973 हेक्टेयर में धान की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है. जबकि अभी तक सिर्फ 17,03,802 हेक्टेयर में धान की खेती हो पाई है.
बिहार के कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के के कारण जलवायु की परिस्थितियों में निरंतर परिवर्तन हो रहा है, जिसका सबसे ज्यादा प्रभाव राज्य की खेती पर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इस बार राज्य में सामान्य बारिश का अनुमान लगाया गया था पर इसके बाद भी अभी तक राज्य में पर्याप्त बारिश नहीं हो पाई है. जिसके कारण किसानों के सामने समस्या उत्पन्न हो रही है. अभी तक सामान्य रुप से 462.9 मिली मीटर वर्षा होनी चाहिए थी, लेकिन अभी तक मात्र 314.3 मिली मीटर ही वर्षा हो पायी है. इसके कारण धान की खेती के अलावा मक्के की खेती पर भी असर हुआ है. इस वर्ष मक्का राज्य में 2,93,887 हेक्टेयर में मक्के की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है पर अभी तक 1,92,018 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्के की खेती हुई है.
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इन फसलों को बचाने के लिए किसानों को खेतों में हर दिन सिंचाई करना पड़ रहा है. कृषि मंत्री में कहा कि राज्य में इस स्थिति को निपटने के लिए और किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री ने डीजल अनुदान योजना चलाने का निर्देश दिया है. कृषि मंत्री ने कहा कि जिन किसानों ने धान का बिचड़ा तैयार किया और जिन्होंने धान की रोपाई कर दी है उन्हें सिंचाई करने के लिए किसानों को डीजल की कमी नहीं हो इस लिए सरकार ने डीजल में अनुदान देने का फैसला किया है. साथ ही डीजल पर अनुदान के लिए ऑनलाइन आवेदन लेने कि प्रक्रिया शुरू हो गई है.
कृषि मंत्री ने आगे बताया कि खरीफ फसलों की सिंचाई डीजल पंपसेट से करने के लिए डीजल की खरीद पर प्रति एकड़ 10 लीटर डीजल पर सब्सिडी दी जाएगी. किसानों को 75 रुपये प्रति लीटर की दर से डीजल मिलेगा. धान का बिचड़ा और जूट फसल की अधिकतम 2 सिंचाई के लिए 1,500 रुपये प्रति एकड़ की सब्सिडी दी जाएगी. खड़ी फसल में धान, मक्का एवं अन्य खरीफ फसलों के अंतर्गत दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगंधित पौधे की अधिकतम 3 सिंचाई के लिए 2,250 रुपये प्रति एकड़ सब्सिडी दी जाएगी. यह अनुदान प्रति किसान अधिकतम 8 एकड़ सिंचाई के लिए दिया जाएगा. डीजल अनुदान की राशि आवेदक के आधार से जुड़े बैंक खाते में ही ट्रांसफर की जायेगी.
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डीजल अनुदान योजना खरीफ 2024 का लाभ प्राप्त करने के लिए 30 जुलाई 2024 से लेकर 30 अक्टूबर, 2024 तक खरीफ फसलों की सिंचाई के खरीदे गए डीजल पर ही अनुदान का लाभ मान्य होगा. कृषि मंत्री ने बताया कि किसान, कृषि विभाग के वेबसाइट https://dbtagriculture.bihar.gov.in/ पर जाकर अपने मोबाइल या लैपटॉप से आवेदन कर सकते हैं. किसान अपने नजदीकी कॉमन सर्विस केंद्र या वसुधा केंद्र से भी ऑनलाइन डीजल अनुदान आवेदन के लिए संपर्क कर सकते हैं. जिला कृषि पदाधिकारी अपने स्तर से समय-समय पर किसानों को ऑन-लाइन पंजीकरण और आवेदन जमा करने से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करेंगे और उसके प्रचार की व्यवस्था करेंगे.
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