दिल्ली का दम घुटने लगा है. वजह है प्रदूषण. और प्रदूषण के पीछे है पराली. वही पराली जो धान कटने के बाद निकलती है. धान से निकलने वाली ये पराली दिल्ली-एनसीआर के लोगों का जान निकाल रही है. खासकर दिल्ली का दम तो बेहद घुट रहा है. और भी आसपास के कई इलाके हैं जहां की हवा बहुत ही खराब हो चली है. पराली का धुआं दिल्ली की हवा को जहर बना रहा है. यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के आसपास चल रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिहाज से यह हवा किसी जहर से कम नहीं. ऐसे में आइए जानते हैं कि दिल्ली के वो कौन से हॉटस्पॉट हैं जहां प्रदूषण सबसे अधिक है.
दिल्ली में प्रदूषण की बात करें तो यहां पर अत्यधिक प्रदूषण होने वाले 13 ह़ॉट्स्पॉट चिन्हित किए गए हैं. आज, शादीपुर, मंदिर मार्ग, पटपड़गंज, सोनिया विहार और मोती बाग सहित 8 अन्य बिंदुओं पर स्थानीय कारणों से AQI स्तर 300 से ऊपर देखा गया. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों की पहचान और निरीक्षण के लिए यहां विशेष टीमों को तैनात किया जाएगा.
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दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता खराब होकर "बहुत खराब" श्रेणी में पहुंच गई है, कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 से ऊपर पहुंच गया है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने खराब वायु गुणवत्ता के कारण सबसे अधिक प्रभावित स्थानों के बारे में बात की. और कहा कि सरकार प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों की पहचान और निरीक्षण के लिए विशेष टीमें तैनात करेगी. गौरतलब है कि पराली जलने से होने वाली प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने अभियान चलाया था और किसानों को खेतों में बॉयो-डिकंपोजर का छिड़काव अभियान के तौर पर किया था, इसके बावजूद दिल्ली की हवा सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई है.
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हवा की गुणवत्ता को मापने के लिए जो मानक तय किया है उसे एयर क्वालिटी इंडेक्स कहते हैं. दुनिया भर के अलग-अलग देशों नें अपने देश के लिए अलग-अलग AQI तय किया है. इसके जरिए यह पता लगाया जाता है कि हवा में मौजूद नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित मानदंडों के आधार पर है या नहीं. देश में AQI को 17 सिंतबर 2014 में तत्कालीन पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने लॉन्च किया था. इस इडेक्स में प्रदूषण करने वाले आठ गैसों को रखा गया है. AQI में हवा की 6 कैटेगरी बनाई गई है. अगर AQI 0-50 के बीच होता है तब उसे अच्छा माना जाता है. 51-100 AQI होने पर उसे ठीक-ठाक माना जाता है. वहीं जब 101-200 पर पहुंच जाता है तो उसे मध्य और 201-300 तक खराब की श्रेणी में आता है. 301-400 के बीच होने पर बहुत खराब माना जाता है और 401-500 या उससे अधिक होने पर गंभीर माना जाता है. राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहा पर कई बार यह 500 के पार चला जाता है.