उत्तर प्रदेश में आगरा के बासौनी इलाके में इंसानी साहस की अनोखी मिसाल देखने को मिली है. शुक्रवार को एक 10 साल का बच्चा अपने घायल किसान पिता को बचाने के लिए चंबल नदी में मगरमच्छ से भिड़ गया. उसने डंडे से मगरमच्छ के मुंह पर हमला किया, जिसके चलते मगरमच्छ पानी में भाग गया और बच्चे ने अपने पिता को मौत के मुंह से खींच लिया. यह घटना जिले के झरनापुरा हरलालपुर गांव की है. 35 वर्षीय किसान वीरभान शुक्रवार दोपहर अपने बेटे अजय और बेटी किरण के साथ चंबल नदी में पानी भरने गए थे. जैसे ही उन्होंने नदी में बोतल डुबोई, पानी में छिपे मगरमच्छ ने उनके पैर पर हमला कर अपने मजबूत जबड़ों में दबा लिया और उन्हें नदी की गहराई में खींचने लगा.
वीरभान मगरमच्छ के मुंह में दबे अपने पैर को छुड़ाने की कोशिश करने लगे और मदद के लिए चिल्लाते रहे, लेकिन मगरमच्छ का शिकंजा और गहराता गया. किनारे पर खड़ा उनका 10 साल का बेटा अजय यह देख कर घबरा गया, लेकिन उसने डर के बजाय बहादुरी दिखाई और पास ही में पड़ा बबूल का मोटा डंडा उठाया और नदी में कूद गया. अजय ने मगरमच्छ पर डंडे से जबरदस्त वार किया. डंडे से वार होने के बाद मगरमच्छ ने वीरभान का पैर छोड़ दिया. हालांकि, उसने अजय की ओर भी झपटने की कोशिश की, लेकिन अजय समय रहते नदी से निकल आया.
वहीं, घायल वीरभान को ग्रामीणों की मदद से बाहर निकाला गया. मगरमच्छ के हमले में उनके दाहिने पैर में गहरा जख्म आया है. पहले उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से हालत गंभीर होने पर आगरा के शरीर सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया.
वीरभान का बेटा अजय गांव के स्कूल में चौथी कक्षा में पढ़ता है और स्कूल के अलावा खेतों में पिता का हाथ भी बंटाता है. शुक्रवार को भी वह खेत में काम कर रहा था और पानी भरने के दौरान यह हादसा हो गया. जिसने भी इस कारनामे को सुना अजय की हिम्मत की जमकर तारीफ की. लोगों का कहना है कि अगर अजय समय पर साहस न दिखाता तो शायद आज वीरभान जीवित न होते.
किसान वीरभान ने बताया कि नदी से पानी भरने के दौरान मगरमच्छ ने मेरा पैर पकड़ लिया था. मैंने दोनों हाथों से मगरमच्छ से पैर छुड़ाने की कोशिश की, साथ में मेरा लड़का भी पानी में आ गया और मगरमच्छ पर लाठी से हमला कर दिया. इसके बाद मगरमच्छ ने मुझे छोड़ दिया. हालांकि, वह बार-बार हमला करने की कोशिश करता रहा. लेकिन हम बचकर बाहर निकल आए. (अरविंंद शर्मा की रिपोर्ट)