Chhath Puja 2025: छठ पूजा में इन 7 प्रसाद को चढ़ाना होता है जरूरी, जानें क्या है महत्व

Chhath Puja 2025: छठ पूजा में इन 7 प्रसाद को चढ़ाना होता है जरूरी, जानें क्या है महत्व

छठ महापर्व में सबसे अधिक महत्व पूजा में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद का होता है. इसमें अलग-अलग फलों और प्रसाद चढ़ाने की मान्यता है. माना जाता है कि छठी मईया को ये सारे फल और प्रसाद बहुत ज्यादा पसंद हैं. इनका प्रसाद चढ़ाने से छठी मईया सबसे ज्यादा प्रसन्न होती हैं.

छठ पूजा के खास प्रसादछठ पूजा के खास प्रसाद
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Oct 27, 2025,
  • Updated Oct 27, 2025, 12:14 PM IST

छठ महापर्व की शुरुआत 25 नवंबर यानी शनिवार से हो चुकी है. लोक आस्था के इस पर्व का पहला दिन नहाय-खाय से शुरू होता है और यह चार दिनों तक चलता है. पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन शाम में डूबते सूर्य को अर्घ्य और चौथे दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ इसका समापन होता है. वहीं, छठ पूजा में सबसे अधिक महत्व प्रसाद का होता है. इसमें अलग-अलग फलों और प्रसाद चढ़ाने की मान्यता है. माना जाता है कि छठी मईया को ये सारे फल और प्रसाद बहुत ज्यादा पसंद हैं. प्रसाद चढ़ाने से छठी मईया सबसे ज्यादा प्रसन्न होती हैं. आइए जानते हैं कौन से हैं वो प्रसाद जिनका इस पर्व में अधिक महत्व होता है.

छठ पूजा के खास 7 प्रसाद

1. ठेकुआ: छठ महापर्व में वैसे तो कई प्रसाद चढ़ाए जाते हैं, लेकिन उसमें सबसे अधिक महत्व ठेकुए का होता है, जिसे महाप्रसाद के नाम से भी जाना जाता है. ठेकुआ को बहुत साफ-सफाई से बनाया जाता है. यह गेंहू के आटे, सूखे नारियल और घी की मदद से तैयार किया जाता है. इसे घी में तला जाता है. इसे बनाना काफी आसान होता है. बता दें कि छठ की पूजा ठेकुआ के बिना अधूरी मानी जाती है.

2. डाब नींबू: आपने छठ पूजा में सूप में डाब नींबू जरूर देखा होगा. डाब नींबू सामान्य नींबू से  बड़ा होता है. इसका स्वाद खट्टा–मीठा होता है. इसका आकार बहुत बड़ा होता है, जिस कारण पशु-पक्षी खा नहीं पाते हैं. इसकी वजह से इसे शुद्ध माना जाता है. यही वजह है कि ये फल छठी मईया को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है.

3. केला: केला भी छठी मईया को बहुत पसंद है. माना जाता है कि केला भगवान विष्णु का भी प्रिय फल है. इसमें भगवान विष्णु वास करते हैं. वहीं, केला को काफी शुद्ध फल माना जाता है. छठी मईया को प्रसन्न करने के लिए लोग कच्चा केला चढ़ाते हैं. पूजा में कच्चे केले को घर लाकर पकाया जाता है ताकि फल झूठा न हो जाए.

4. गन्ना: कहा जाता है कि गन्ने को पूजा में रखने से छठी मईया प्रसन्न होती हैं और सुख-समृद्धि आती है. मान्यता यह है कि छठी मईया को गन्ना बहुत पसंद होता है इसलिए इसे चढ़ाए बिना छठ की पूजा पूरी नहीं होती. इस दिन लोग शाम में आंगन में कई सारे गन्ने को एक साथ रखकर छठ मईया की पूजा करते हैं. इन सभी गन्नों को घर के रूप की आकृति में सजाया जाता है और फिर पूजा की जाती है. इस तरह पूजा करने से छठ मईया प्रसन्न होती हैं और परिवार में सुख-समृद्धि भी आती है. इसके अलावा लोक कथाओं के अनुसार गन्ने का इस्तेमाल इसलिए पूजा में होता है क्योंकि गन्ने पर कोई भी पक्षी और पशु नहीं बैठता है इसलिए इसे शुद्ध माना जाता है.  

5. नारियल: छठ पूजा में नारियल चढ़ाने का भी महत्व है. छठ पर्व में पवित्रता का सबसे अधिक ध्यान दिया जाता है. नारियल चढ़ाने से घर में लक्ष्मी आती है. कुछ लोग नारियल चढ़ाने की मनौती मांगते हैं. इसलिए इस फल का महत्व छठ पूजा में बढ़ जाता है.

6. सुथनी: सुथनी मिट्टी से निकलती है, इसलिए इसे शुद्ध माना जाता है. सुथनी का इस्तेमाल छठ पूजा में होता है. इसमें कई औषधीय गुण होते हैं. सुथनी खाने में शकरकंदी की तरह होती है. यह फल बहुत शुद्ध माना जाता है इसलिए छठी मईया को बहुत पसंद है.

7. सिंघाड़ा: पानी में रहने के कारण जल सिंघाड़ा सख्त हो जाता है, इसलिए इसे कोई भी पशु-पक्षी इसे झूठा नहीं कर पाते हैं. यह माता लक्ष्मी का प्रिय फल भी माना जाता है. साथ ही इस फल में बहुत से औषधीय गुण मौजूद होते हैं. वहीं इसके शुद्धता की वजह से इसका छठ पूजा में अधिक महत्व है.

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