
महाराष्ट्र में किसानों को पिछले हुई भारी बारिश ने आर्थिक तौर पर भारी नुकसान पहुंचाया है. वहीं, किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए सरकार भी फसलों का मुआवजा राशि दे रही है. लेकिन सरकार की ओर से दी जा रही मुआवजा राशि से किसान खुश नहीं हैं. दरअसल, वाशिम जिले के एक किसान ने बारिश से हुए नुकसान की सरकारी मदद को वापस भेजने के लिए अनोखा आंदोलन किया, जिसकी चर्चा जिले भर में हो रही है.
वाशिम जिले जिले के अडोली गांव के युवा किसान सतीश इडोले ने अपने 2 एकड़ खेत में सोयाबीन की फसल बोई थी, जिसमें उनका लगभग 30 से 40 हजार रुपये का खर्च आया था, लेकिन मूसलाधार बारिश ने किसान की पूरी फसल बर्बाद कर थी. वहीं, सरकार कि ओर से इस नुकसान के लिए सतीश इडोले को भरपाई के रूप में 5236 रुपये मिले हैं, जिससे वो नाराज हैं.
किसान ने सरकार पर नाराजगी जताते हुए बताया कि इतनी बड़ी रकम मिलने के कारण उसे नींद नहीं आई. जिसके बाद सतीश इडोले ने इस राहत राशि को सरकार को वापस देने के लिए बेर की टहनी में बहुत सी नोटों को लगाई और तहसील कार्यालय पहुंचा, वहां उसने तहसीलदार को बेर की टहनी देते हुए कहा कि, यह सरकारी मदद उसे नहीं चाहिए इसे वापस लेलो, लेकिन तहसीलदार ने असमर्थता दिखाते हुए मदद वापस नहीं ली. अब इस किसान ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को जिला अधिकारी के माध्यम से लेटर भेजा है, जिसमें किसान ने लिखा है कि मदद की राशि का चेक वापस करने वाला है.
बता दें कि इस वर्ष की मूसलाधार बारिश ने सभी किसानों की फसलों को बर्बाद करके रख दिया है, वाशिम जिले के सभी किसानों की फसलें जैसे सोयाबीन, तुअर, कपास बारिश ने खराब कर दी है. महाराष्ट्र सरकार ने पीड़ित किसानों को नुकसान भरपाई का ऐलान के बाद नुकसान भरपाई देनी भी शुरू की है.
बारिश के बाद महाराष्ट्र में कई फसलों को 100 फीसदी तक नुकसान हुआ है. इन फसलों में ज्यादातर फसलें पूरी तरह से तैयार हो चुकी थीं और इनकी कटाई की तैयारी शुरू हो रही थी, लेकिन प्रकृति किसानों पर आफत बन बरसी और फसल पूरी तरह से चौपट हो गई. फसलों में सबसे अधिक नुकसान, सोयाबीन, कपास, अरहर, मूंग, उड़द, कई जगह पर मक्का, संतरा, मौसमी, अनार और केला पर सबसे अधिक नुकसान देखा गया है. विदर्भ और मराठवाड़ा के कई जिलों में बागवानी फसलें 100 फीसदी तक प्रभावित हुई हैं.