करेले की खेती सब्जी के रूप में की जाती है. इसके पौधे बेल की तरह होते हैं जिस वजह से इसे बेल वाली फसल की श्रेणी में रखा जाता है. भारत में करेले की सब्जी को लगभग सभी जगहों पर उगाया जाता है. करेले की सब्जी बहुत ही फायदेमंद मानी जाती है. इसे लोग सब्जी के रूप में पकाकर खाने के अलावा जूस और अचार बनाकर भी इस्तेमाल करते हैं. करेले के जूस का सेवन करने से पेट संबंधित बीमारियों से छुटकारा मिलता है. करेले का सेवन मधुमेह के इस्तेमाल के लिए भी फायदेमंद माना जाता है.
किसान करेले की खेती कर बेहतर मुनाफा भी कमा सकते हैं. अगर आप भी करेले की खेती करना चाहते हैं और उसकी उन्नत वैरायटी का का बीज मंगवाना चाहते हैं तो आप नीचे दी गई जानकारी की सहायता से करेले का बीज ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन करेले की उन्नत किस्म क्वीन का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
करेले की क्वीन किस्म की खेती उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में फरवरी से जून माह तक की जाती है. वहीं इस किस्म के फल मोटे और गहरे चमकीले हरे रंग के होते हैं. अगर बात करें इसके उत्पादन की तो इस किस्म से प्रति एकड़ 60 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है. ये किस्म 50 से 60 दिनों में फल देने लगता है.
अगर आप भी करेले की क्वीन किस्म की खेती करना चाहते हैं तो इस किस्म के बीज का 50 ग्राम का पैकेट फिलहाल 42 फीसदी की छूट के साथ 151 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. इसे खरीद कर आप आसानी से करेले की खेती कर सकते हैं.
हरी सब्जियों में पालक का अपना विशेष महत्व है. ये आयरन से परिपूर्ण एक ऐसी सब्जी है जिसे कई तरीके से खाया जाता है. वहीं पालक की ऑल ग्रीन किस्म एक अधिक उपज देने वाली किस्म है. इसकी खेती सर्दी के मौसम में ज्यादा की जाती है. ये किस्म बुवाई से करीब 35 से 40 दिन में तैयार हो जाती है. अगर आप भी इस किस्म की खेती करना चाहते हैं तो इस बीज का 500gm का पैकेट आपको मात्र 13 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा.
दलहनी सब्जियों में मटर का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है. मटर की खेती से जहां एक ओर कम समय में अधिक पैदावार मिलती है. वहीं पीबी-89 किस्म मटर की एक उन्नत किस्म है. इस किस्म की फलियां जोड़े में उगती हैं. यह किस्म बिजाई के 90 दिनों के बाद पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. अगर आप भी इस किस्म की खेती करना चाहते हैं तो इस बीज का एक किलो का पैकेट 175 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा.