पिछले साल हुए कम उत्पादन और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण, गेहूं की बढ़ी मांग की वजह से देश में गेहूं का भाव आसमान पर है. बीते दिन महाराष्ट्र में गेहूं का अधिकतम भाव 5000 रुपये प्रति क्विंटल के करीब पहुंच गया, जबकि साल 2023 के लिए गेहूं के लिए एमएसपी भाव 2,125 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. वहीं गेहूं की भाव को लेकर केंद्र सरकार भी गंभीर है. बढ़ते भाव पर नियंत्रण पाने के लिए मई 2022 में गेहूं के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. एगमार्कनेट पोर्टल के अनुसार, बीते दिन गेहूं के भाव में सबसे ज्यादा परिवर्तन गुजरात के दाहोद में देखने को मिला है.
एगमार्कनेट के अनुसार 27 जनवरी को गुजरात के दाहोद में गेहूं की लोकवान किस्म का भाव न्यूनतम 2950 रुपये प्रति क्विंटल और अधिकतम 3150 रुपये प्रति क्विंटल रहा था, जबकि बीते दिन गेहूं की लोकवान किस्म का न्यूनतम भाव 4000 रुपये प्रति क्विंटल और अधिकतम भाव 4500 रुपये प्रति क्विंटल रहा है.
केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय के एगमार्कनेट पोर्टल के अनुसार 28 जनवरी को देश की कई मंडियों में गेहूं का भाव MSP से अधिक रहा है, जिसमें पुणे में 5 हजार क्विंटल पर गेहूं का कारोबार हुआ है. आइए जानते हैं कि अन्य मंडियाें का क्या हाल रहा है.
मंडी का नाम | किस्म | न्यूनतम मूल्य | अधिकतम मूल्य |
दाहोद, गुजरात | लोकवान | 4000 | 4500 |
मनसा, गुजरात | मीडियम | 2605 | 3160 |
अकोला, महाराष्ट्र | शरबती | 3300 | 3700 |
पुणे, महाराष्ट्र | शरबती | 4700 | 5000 |
इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश | दारा | 2850 | 3150 |
केंद्र सरकार ने गेहूं के भाव पर लगाम लगाने के लिए ओपन सेल मार्केट स्कीम (ओएमएसएस) के तहत अपने बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने का फैसला किया है. इस 30 लाख टन गेहूं में से, भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा ई-नीलामी के माध्यम से आटा चक्की जैसे थोक खरीदारों को 25 लाख टन, 2 लाख टन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को और 3 लाख टन संस्थानों और राज्य-पीएसयू (institutions and state-PSUs) को दिया जाएगा.
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सरकार इस वर्ष गेहूं के बंपर उत्पादन की उम्मीद कर रही है. वहीं कृषि विशेषज्ञों ने चालू रबी सीजन में 112 मिलियन टन के रिकॉर्ड उत्पादन की भविष्यवाणी की है. हालांकि, अगले दो महीनों तक तापमान अनुकूल बना रहे. 27 जनवरी को गेहूं का रकबा 0.37 प्रतिशत बढ़कर 341.85 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो एक साल पहले की अवधि में 340.56 लाख हेक्टेयर था.