नीम को सदियों से एक 'प्राकृतिक वैद्य' की संज्ञा दी गई है. इसकी हर एक चीज —पत्तियां, निबोली, तना, यहां तक कि सूखे छिलके और तिनके तक, कई तरह के औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. यही वजह है कि किसान बहुत ही कम लागत में इससे घरेलू जैविक कीटनाशक तैयार कर सकते हैं. ये ऐसे कीटनाशक हैं जो रासायनिक विकल्पों की तुलना में सुरक्षित और प्रभावी होते हैं. आज हम आपको बताते हैं कि कैसे आप कम समय में और कम लागत में एक अच्छा कीटनाशक तैयार कर सकते हैं.
अगर आप रासायनिक कीटनाशकों पर खर्च कम करना चाहते हैं, तो यह देसी तरीका आपके लिए है:
10 लीटर पानी में 5 किलोग्राम नीम की पत्तियां (हरी या सूखी)
1 किलो बारीक पीसी हुई निबोली
10 किलो छाछ
2 किलो गोमूत्र
1 किलो पीसा हुआ लहसुन
इस मिश्रण को लकड़ी से अच्छी तरह मिलाएं और किसी बड़े बर्तन में भरकर पांच दिनों तक ढककर रखें. रोजाना इसे 2-3 बार लकड़ी से हिलाते रहें. जब घोल दूधिया रंग का हो जाए, तब उसमें 200 मि.ली. साबुन और 80 मि.ली. टीपोल मिलाएं. अब यह कीटनाशक तैयार है. इसे छिड़काव पंप में भरकर फसलों पर स्प्रे करें. आपको अपने आप ही इसका असर नजर आने लगेगा. कीट नष्ट हो जाएंगे और फसल भी सुरक्षित रहेगी.
कपास और सब्जियों की खेती में कीटनाशकों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है. विशेषज्ञों के अनुसार, कपास में बॉलवार्म जैसे कीटों से बचाव के लिए बार-बार छिड़काव जरूरी होता है. लेकिन जानकारी की कमी के कारण किसान अक्सर बिना सुरक्षा उपायों के रासायनिक कीटनाशक इस्तेमाल करते हैं, जो उनके लिए ही खतरनाक बन जाता है. अगर किसान समय रहते देसी कीटनाशक घर पर ही बना लें, तो न सिर्फ लागत घटेगी, बल्कि रसायनों के गलत प्रभाव से भी बचा जा सकेगा.
केवल कीटनाशक ही नहीं, नीम से बढ़िया कंपोस्ट खाद भी तैयार की जा सकती है. नीम की पत्तियों और निबोलियों को गड्ढे में डालें, साथ में गोबर भी मिलाएं और कुछ ही समय में असरदार जैविक खाद तैयार हो जाएगी. इस खाद से रासायनिक खाद पर आपकी निर्भरता घटेगी, लागत कम होगी, फसलों की गुणवत्ता सुधरेगी और कीटों का प्रकोप भी कम होगा.
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