पिछले कुछ दिनों में देश के कई हिस्सों में टमाटर की कीमतें 100 रुपये प्रति किलोग्राम को पार कर गई हैं, जिससे लाखों परिवारों में चिंता बढ़ गई है. द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, थोक बाजारों में कीमतों में बढ़ोतरी के बाद स्थानीय बाजारों में कीमतें 80 रुपये से 120 रुपये प्रति किलो के बीच बढ़ गई हैं. वहीं किसान टमाटर की कीमतों में हालिया बढ़ोतरी के लिए अत्यधिक गर्मी और मॉनसून के देरी से आने के कारण उत्पादन में कमी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. गौरतलब है कि मई माह में टमाटर की कीमत तीन से पांच रुपये किलो रह गई थी. इस कारण किसानों ने टमाटर की खेती करने से परहेज किया है. उस समय लागत नहीं मिलने का कारण कई किसानों ने अपनी खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया था.
वहीं, बेंगलुरु में भी सब्जियों के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं. कुछ सब्जियों पर लोगों को 100 फीसदी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है. अच्छी क्वालिटी के टमाटर के दाम बढ़कर 90-100 रुपये हो गए हैं. व्यापारियों के मुताबिक प्याज और पत्तागोभी को छोड़कर लगभग सभी सब्जियों के दाम 40 फीसदी से 90 फीसदी तक बढ़ गए हैं. यह सब अचानक हुई बारिश और सब्जियों की कमी के कारण हुआ है.
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, कोलार मंडी में टमाटर बेचने आए किसान अंजी रेड्डी ने मनीकंट्रोल को बताया कि इस साल खराब मौसम के कारण टमाटर की बुआई कम हुई है और उत्पादन भी गिरा है. इसके चलते कीमत में उछाल आया है. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी टमाटर की खुदरा कीमत अब 100 रुपये प्रति किलो हो गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली के आजादपुर थोक बाजार के टमाटर व्यापारी अशोक गनोर ने कहा, "पिछले दो दिनों में टमाटर की कीमतें दोगुनी हो गई हैं. हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों से टमाटर की सप्लाई कम हो गई है. अब हम बेंगलुरु से टमाटर मांगा रहे हैं. टमाटर के जो पौधे जमीन पर थे, वे हाल की बारिश के दौरान क्षतिग्रस्त हो गए हैं. केवल तारों के सहारे फलने वाले पौधे ही बचे हैं.”
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महाराष्ट्र के नारायणगांव क्षेत्र के किसान अजय बेल्हेकर ने कहा, "किसानों ने फसलों पर कीटनाशकों का छिड़काव और उर्वरकों का उपयोग नहीं किया, क्योंकि कीमत लाभकारी नहीं थीं. इससे कीट और बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया और उत्पादन में गिरावट आई. हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि आने वाले दिनों में भी कीमतें ज्यादा ही रहेंगी."
जयपुर की सबसे बड़ी मंडियों में से एक मुहाना मंडी में टमाटर थोक भाव में 60-70 रुपये किलो तक जा रहे हैं. वहीं, ग्राहकों तक पहुंचते-पहुंचते टमाटर का भाव 100 रुपये किलो तक पहुंच रहा है. जयपुर में टमाटर के भाव पिछले पांच-सात दिन में अचानक आसमान छू गए हैं. इसके कई कारण हैं. किसान तक ने जयपुर में सब्जी उगाने वाले कुछ किसानों से बात की. महंगाई की एक वजह मौसम और पिछले दिनों बिपरजॉय तूफान के कारण फसल का नष्ट होना सामने आया. साथ ही जयपुर और आसपास के इलाकों में इस समय टमाटर की फसल बेहद कम मात्रा में की जाती है. किसान कैलाश चौधरी हमें बताते हैं कि हमारी जलवायु में इस सीजन में टमाटर नहीं होते. चौमूं के कुछ किसान पॉली हाउस के जरिए टमाटर की खेती इस समय करते हैं, लेकिन वह इतनी नहीं है कि मांग को पूरा कर सकें. इसीलिए इस वक्त यूपी, महाराष्ट्र से व्यापारी टमाटर मंगा रहे हैं. इसीलिए भावों में अचानक बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा जिन किसानों ने टमाटर बो रखे थे, पिछले दिनों बिपरजॉय तूफान के कारण पौध खराब हो गई थी. साथ ही अगले 20 दिन में इस क्षेत्र में टमाटर बोये जाएंगे. इसकी क्रॉप दिवाली के आसपास आती है. इसीलिए अगले कुछ महीनों तक ग्राहकों को टमाटर महंगी रेट पर ही मिलने वाला है. (इनपुट- माधव, राजस्थान, किसान तक)
बिहार के सबसे बड़ी सब्जी मंडी में से एक पटना का मीठापुर सब्जी मंडी में टमाटर का भाव अपने सबसे अधिक रेट में बिक रहा है. कोई पिछले 4 दिनों में पटना के सब्जी मंडी में टमाटर का भाव 60 से 100 रुपये प्रति किलो होल सेल हो चुका है. यहां के व्यापारी भाव अधिक होने का मुख्य वजह बाहर से कम आ रहे टमाटर को बता रहे हैं. जबकि, कुछ व्यापारियों का कहना है कि भाव बढ़ने का मुख्य कारण बकरीद का त्योहार है. अभी होल सेल में सबसे लो क्वालिटी के टमाटर 60 से 80 रुपये किलो बिक रहे हैं. चार दिनों में टमाटर के भाव में दोगुना इजाफा हुआ है. वही फुटकर में टमाटर बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि वह 130 से 140 रुपया प्रति किलो टमाटर बेचेंगे. (इनपुट- अंकित सिंह, बिहार, किसान तक)