कश्मीर:लहसुन को देख फूले नहीं समा रहे किसान, उत्पादन-रेट दोनों ही बढ़े, ये हैं आंकड़े

कश्मीर:लहसुन को देख फूले नहीं समा रहे किसान, उत्पादन-रेट दोनों ही बढ़े, ये हैं आंकड़े

कश्मीर के डायरेक्टर एग्रीकल्चर मोहम्मद इकबाल चौधरी के मुताबिक कश्मीर में तीन तरह का लहसुन होता है. गुच्ची  लहसुन, कश्मीरी लहसुन और स्नो माउंटेन लहसुन. यहां 25 से 30 डिग्री तापमान में लहसुन की खेती होती है.

जबलीपोरा, कुलगाम मंडी में रखे लहसुन को देखते डायरेक्टर एग्रीकल्चर मोहम्मद इकबाल चौधरी. फोटो क्रेडिट-एग्रीकल्चर कश्मीरजबलीपोरा, कुलगाम मंडी में रखे लहसुन को देखते डायरेक्टर एग्रीकल्चर मोहम्मद इकबाल चौधरी. फोटो क्रेडिट-एग्रीकल्चर कश्मीर
नासि‍र हुसैन
  • नई दिल्ली,
  • Jun 22, 2023,
  • Updated Jun 22, 2023, 4:36 PM IST

बर्फीले मौसम में उगने वाली हरी सब्जी की बात ही कुछ अलग होती है. फिर चाहें हरे मसाले लहसुन-प्याज और मिर्च ही क्यों न हो. यही वजह है कि कश्मीर में होने वाली सब्जी और हरे मसालों को बाजार में अच्छे दाम मिल जाते हैं. इस बार भी कुछ ऐसा ही है. खासतौर पर लहसुन की खेती करने वाले किसान फूले नहीं समा रहे हैं. और वजह भी कोई एक नहीं तीन-तीन हैं. एक तो इस बार लहसुन का उत्पादन बहुत अच्छा हुआ है. दूसरे रेट भी किसानों को बहुत बेहतर मिल रहे हैं. 

और तीसरी खास वजह है कि पहली बार लहसुन के किसानों को मंडी में जगह मिली है तो उनका माल देश के दूसरे हिस्सों  में भी जा रहा है. गुजरात और केरल के रास्ते कश्मीर का लहसुन दूसरे देशों को एक्सपोर्ट भी हो रहा है.

लहसुन के किसान को मिल रहे हैं 50 से 60 रुपये किलो 

पुलवामा, कश्मीर के किसान इरशाद अहमद डार ने किसान तक को बताया कि इस बार बाजार में लहसुन के किसान को अच्छे दाम मिल रहे हैं. घर बैठे ही किसान 40 से 45 रुपये किलो के हिसाब से लहसुन बेच रहे हैं. अगर उसी लहसुन को किसान कुलगाम की जबलीपोरा मंडी ले जाते हैं तो उन्हें वहां 50 से 60 रुपये किलो तक के दाम मिल रहे हैं.

यह पहला मौका है जब लहसुन के किसानों को मंडी में जगह मिली है. जानकारों की मानें तो कश्मीर के डायरेक्टर एग्रीकल्चर मोहम्मद इकबाल चौधरी की कोशिशों के चलते किसानों को मंडी में माल लाकर बेचने की इजाजत मिली है.

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एक साल में हुआ 88 हजार, 408 टन लहसुन 

डायरेक्टर इकबाल ने बताया कि साल 2022-23 में कश्मीर में 88 हजार, 408 टन लहसुन की पैदावार हुई है. जबकि साल 2021-22 में 37 हजार, 795 टन लहसुन की पैदावार हुई थी. पहले 1776.50 हेक्टेयर जमीन पर लहसुन की खेती की गई थी, जबकि 2022-23 में 4112 हेक्टेयर में लहसुन की खेती की गई थी. अगर प्रति हेक्टेयर लहसुन की बात करें तो 2021-22 में 212.75 क्विंटल लहसुन हुआ था, जबकि 2022-23 में 215 क्विंटल लहसुन हुआ है. 

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दूसरे राज्यों को भी जा रहा है लहसून 

डायरेक्टर इकबाल का कहना है कि कुलगाम की जबलीपोरा मंडी से किसानों का लहसुन देश के दूसरे राज्यों को भी जा रहा है. जैसे मध्य प्रदेश, गुजरात आदि राज्यों  में कश्मीर का लहसुन भेजा जा रहा है. अच्छी बात ये है कि लहसुन को कश्मीर में बैठे-बैठे ही दूसरे राज्यों के ग्राहक मिल गए हैं. और वैसे भी कश्मीर की सब्जी हो या हरे मसाले सभी को देश की बड़ी राष्ट्रीय मंडियों में हाथ-ओं-हाथ लिया जाता है. 

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