अनानास, जामुन, फूल और केले के छिलके! मणिपुर में तैयार हो रही अनोखे स्‍वाद वाली हर्बल चाय 

अनानास, जामुन, फूल और केले के छिलके! मणिपुर में तैयार हो रही अनोखे स्‍वाद वाली हर्बल चाय 

'नोंगमाडोल बेवरेज' की फाउंडर सेलिना मुतुम केले और अनानास के छिलकों से पेय बनाती हैं. इनमें अतिरिक्त स्वाद के लिए मसाले डाले जाते हैं. मुतुम ने बताया कि उनके इलाके में, उन्‍होंने कुछ मैन्‍युफैक्‍चरिंग यूनिट्स को केले के चिप्स बनाते हुए देखा था लेकिन छिलकों को बर्बाद कर देते थे. वह उन बचे हुए छिलकों के इस्तेमाल का एक स्थायी तरीका बढ़ावा देना चाहती थी.

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क‍िसान तक
  • New Delhi,
  • Jul 21, 2025,
  • Updated Jul 21, 2025, 9:37 AM IST

चाय प्रेमियों को कैफीन बेस्‍ड ड्रिंक्‍स का ऑप्‍शन मुहैया कराने के मकसद से मणिपुर के कई युवा उद्यमी सुगंधित हर्बल ड्रिंक बनाने के लिए स्वदेशी तरीके से उगाए गए पौधों के साथ प्रयोग कर रहे हैं. सुमाक बेरी, करौंदा और केले के छिलके उन सामग्रियों में शामिल हैं जिनका उपयोग इन नॉन-ट्रेडीशनल ड्रिंक्‍स को बनाने में किया जा रहा है. 'ड्वेलर्स टीज' की फाउंडर एलिजाबेथ याम्बेम के लिए, घर की लालसा और बचपन की यादों से जुड़ने की इच्छा ने उन्हें ड्रिंक्‍स का अपना ब्रांड लॉन्च करने के लिए प्रेरित किया. 

10 तरह की हर्बल चाय का उत्‍पादन 

याम्बेम ने न्‍यूज एजेंसी पीटीआई को बताया,'हम इंफाल पश्चिम जिले में अपनी उरीपोक मैन्‍युफैक्‍चरिंग यूनिट में 10 से ज्‍यादा तरह की हर्बल चाय का उत्पादन करते हैं और 20 महिलाओं को रोजगार देते हैं. हमारे प्रॉडक्‍ट्स राज्य के बाहर भी बेचे जाते हैं.' उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी स्थानीय तौर पर उगाए गए स्वदेशी पौधों की खरीद करती है जिन्हें इंफाल पश्चिम के फयेंग और उखरुल समेत कई गांवों और पहाड़ी जिलों के किसान उगाते हैं. उन्‍होंने बताया, 'मैं सुमाक बेरीज, करौंदे, चटक लाल गुलाब और कड़वे-मीठे नोंग-मांग-खा (एक तरह का पारंपरिक औषधीय पौधा) की बचपन की यादों को ताजा करना चाहती थी. इन्‍हें हमारे बड़े-बुज़ुर्ग प्यार से इस तरह बनाते थे कि वह बदलते समय के अनुकूल हो सके.' 

याम्‍बेम ने बताया कि उन्‍होंने साल 2016 में स्थानीय तौर पर उगाई जाने वाली सामग्रियों पर रिसर्च शुरू की जिनमें से कई तरह के औषधीय गुण थे. इसके बाद साल 2017 में गुवाहाटी में कंपनी की शुरुआत की. फिर वह 2018 में इंफाल आ गईं. पूर्वोत्तर राज्य में हर्बल पेय पदार्थों के लिए अनोखी सामग्रियों के साथ प्रयोग करने वाले युवा उद्यमियों की बढ़ती संख्या में याम्बेम अकेली नहीं हैं. 

केले और अनानास वाली चाय  

'नोंगमाडोल बेवरेज' की फाउंडर सेलिना मुतुम केले और अनानास के छिलकों से पेय बनाती हैं. इनमें अतिरिक्त स्वाद के लिए मसाले डाले जाते हैं. मुतुम ने बताया, 'अपने इलाके में, मैंने कुछ मैन्‍युफैक्‍चरिंग यूनिट्स को केले के चिप्स बनाते हुए देखा था लेकिन छिलकों को बर्बाद कर देते थे. मैं उन बचे हुए छिलकों के इस्तेमाल का एक स्थायी तरीका बढ़ावा देना चाहती थी और साथ ही एक नया स्वाद-आधारित पेय भी लाना चाहती थी जो पूरी तरह से हर्बल हो.' उन्होंने आगे बताया कहा, 'हमने जनवरी 2024 में इंफाल पूर्वी जिले के हीनगांग स्थित अपनी यूनिट में इस प्रॉडक्‍ट को औपचारिक तौर पर लॉन्च किया. हमारी टीम में छह समर्पित महिलाएं हैं.' 

कम कीमत पर ज्‍यादा स्‍वाद 

मुतुम को मणिपुर में जातीय संघर्ष की वजह से पैदा संकट के कारण, राज्य के बाहर से पैकेजिंग सामग्री समय पर नहीं पहुंच पाने के कारण कभी-कभी ट्रांसपोर्टेशन पर असर पड़ता है. यमबेम और मुतुम की कंपनियां हर महीने करीब 500-700 डिब्बे हर्बल ड्रिंक्‍स बनाती हैंच्‍. 'ड्वेलर्स टीज़' के हर्बल पेय पदार्थ 50 रुपये प्रति पैकेट से शुरू होते हैं, जबकि 'नॉन्गमाडोल बेवरेज' की कीमत 50 रुपये से 200 रुपये प्रति पैकेट तक है. मणिपुर विश्वविद्यालय की छात्रा थौनाओजम सेलिका, जिन्हें ऐसे पेय पदार्थ पसंद हैं, ने कहा, 'राज्य में युवाओं के बीच हर्बल पेय पदार्थ तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं क्योंकि इनमें कैफीन नहीं होता और इनके कई स्वास्थ्य लाभ हैं.' उन्‍होंने बताया कि ये प्रॉडक्‍ट्स यूनिवर्सिटी कैंपस में भी काफी पॉपुलर हैं. 

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