पुणे रिंग रोड मामले में किसानों को 3.70 करोड़ रुपये हेक्टेयर की दर पर मिलेगा मुआवजा

पुणे रिंग रोड मामले में किसानों को 3.70 करोड़ रुपये हेक्टेयर की दर पर मिलेगा मुआवजा

पुणे रिंग रोड परियोजना के ल‍िए सरकार ने किसानों की जमीन अधिग्रहित कर ली थी. इन सभी किसानों को जल्द ही राज्य सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाएगा. इसके तहत कार्रवाई शुरू हो गई है. बताया जा रहा है कि जल्द ही किसानों को मुआवजा राशि दे दी जाएगी.

पुणे रिंग रोड परियोजना पुणे रिंग रोड परियोजना
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jan 24, 2023,
  • Updated Jan 24, 2023, 7:08 PM IST

पुणे रिंग रोड परियोजना के ल‍िए भू‍म‍ि अध‍िग्रहण मामला एक बार फ‍िर गरमाया हुआ है. मुलशी और मावल गांव के किसानों के ल‍िए जिला प्रशासन द्वारा अगले सप्ताह एक विशेष शिविर का आयोजन जा रहा है. इस शिविर में 21 गांवों के 2,000 किसान सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे और किसानों को सहमति पत्र दिया जाएगा. जिला प्रशासन ने किसानों को विश्वास में लेकर उनकी एक-एक संपत्ति का मूल्यांकन पहले ही पूरा कर लिया है ताकि आगे कोई और समस्या ना खड़ी हो जाए.   

प्रशासन ने जमीन के कुल क्षेत्रफल में लगाए पेड़, घर और अन्य संपत्ति को ध्यान में रखा है ताकि किसानों को उनकी संपत्ति के लिए पूरा मुआवजा दिया जा सके. वहीं जिला कलेक्टर राजेश देशमुख ने बताया कि औसतन 3.70 करोड़ रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से जमीन के रेट फाइनल कर लिए गए हैं और जमीन के भुगतान व कब्जे की प्रक्रिया अगले सप्ताह से शुरू हो जाएगी.

2,384.92 करोड़ रुपये आंवट‍ित

ज‍िला कलेक्टर राजेश देशमुख ने बताया क‍ि मुआवजे की दरों में भिन्नता है. लेकिन, प्रति हेक्टेयर औसतन 3.70 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा. कुल 2,384.92 करोड़ रुपये का आवंटन जो राज्य सरकार से आया है, वितरित किया जाएगा, जिसमें 618.8 हेक्टेयर को पहले चरण में अधिग्रहित किया जाएगा.

अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबि‍क 21 गांवों में शिविर का आयोजन किया जाएगा. जहां 2,000 किसान इस कार्यक्रम में भाग लेंगे. उनकी सहमति पत्र लेने के बाद, प्रशासन कानूनी दस्तावेज प्रक्रिया पूरी कर किसानों को मुआवजे के रूप में चेक देगी. यह प्रक्रिया सोमवार से शुरू की जाएगी. 

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योजना के तहत 32 गांवों से हुआ भूमि अधिग्रहण

महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) ने पिंपरी-चिंचवाड़ समेत पुणे शहर को कम करने के लिए 172 किलोमीटर लंबी और 110 मीटर चौड़ी रिंग रोड का प्रस्ताव दिया है. इसके ल‍िए 32 गांवों में स्थित निजी भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा. 32 गांवों में से छह नाम परंदवाड़ी, धमाने, उर्से, पचाने, बेबदोहोल और चांदखेड़ मावल तालुका में हैं. वहीं 14 गांव कासरंबोली, अंबडवेट, कटवाड़ी, घोटवाडे, मोटेरेवाड़ी, जावल, रिहे, पिंपोली, केमेसेवाड़ी, उरावड़े, पडलघरवाड़ी, अंबेगांव, मारनेवाड़ी और मुथे मुलशी तालुका में हैं. 10 गांव बाहुली, भगतवाड़ी, मोरदारवाड़ी, मांडवी बुद्रुक, संगरून, खामगांव मावल, कल्याण, वरदादे, रहटवाडे और थोपतेवाड़ी हवेली तालुका में हैं और दो रांजे और कुसगांव भोर तालुका में हैं.

कोविड प्रतिबंधों के बावजूद पूरी हुई कार्रवाई

कोविड-19 प्रतिबंधों के बावजूद, उप-विभागीय अधिकारियों, तहसीलदारों, भू-अभिलेखों के तालुका उप-अधीक्षकों और मतगणना निरीक्षकों ने संयुक्त रूप से स्थानीय तलाथियों और ग्रामीणों की उपस्थिति में परियोजना के लिए विस्तृत भूमि मापन किया गया. जिला नगर नियोजन प्राधिकरण ने परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का प्रारंभिक मूल्यांकन किया था और परियोजना के सुचारू निष्पादन के लिए राज्य सरकार से सिफारिशें भी की थीं. राज्य के आबकारी मंत्री शंभूराज देसाई ने दिसंबर 2021 में वादा किया था कि पुणे जिले में रिंग रोड पर काम फरवरी 2023 में शुरू होगा और रिंग रोड 2026 तक तैयार हो जाएगा.

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