देश में कृषि क्षेत्र में काम जोरों पर चल रहा है.खेती का रकबा बढ़ाने के साथ-साथ किसानों को इस क्षेत्र से जोड़ने और उनकी आय को बढ़ाने के लिए तरह तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. फसलों की बुआई के लिए कृषि यंत्रों पर सब्सिडी ले कर मशीनों को किराए में देने तक की भी सरकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसके अलावा फसलों की खरीदी और बिक्री को आसान बनाकर किसानों को फायदा पहुंचाने का प्रयास है. सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि खरीफ वर्ष 2022-23 में सरकार ने बड़े स्तर पर धान की खरीदी की. जिसके तहत सरकार ने खरीफ सीजन खरीफ सीजन 2022-23 में कुल 634.31 मीट्रिक टन धान की खरीदी की.
देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए छोटे और पिछड़े इलाकों में खास तौर पर ध्यान दिया जा रहा है. इसमें से किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराने से लेकर फसलों की सिंचाई और दवाईओं के छिड़काव की आधुनिक तकनीकों का उपयोग और फसल प्रबंधन से लेकर उनकी बिक्री हो जाने तक सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं. इसी कड़ी में खरीफ सीजन खरीफ सीजन 2022-23 में कुल 634.31 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई. धान की ये खरीददारी 83.74 लाख किसानों से की गई. इस तरह 83 लाख से अधिक किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिला.
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भारत सरकार के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने ट्वीट के माध्यम से बताया कि kharif marketing season 2022- 23 के तहत 23 जनवरी 2023 तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कुल 634.31 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई जिससे 83.74 लाख किसानों को लाभ हुआ है.
इस साल खरीफ फसलों की खरीदी को आसान बनाने और किसानों को सरलता से अधिक लाभ देने के लिए बड़े पैमाने पर फसलों की खरीदी को प्राथमिकता दी गई.खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के अनुसार इस साल धान की खरीदी से 83.74 लाख किसानों को MSP मूल्यों के तहत 130668 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है. यह प्रक्रिया लाखों किसानों को एक साथ लाभ देने वाली थी. इससे न सिर्फ किसानों की फसलों की बिक्री आसानी से हुई बल्कि फसल की राशि का भुगतान भी सहजता से और जल्दी की जा रही है. इस साल की खरीफ सीजन में लगभग 83 लाख से अधिक किसानों को लाभ मिला है.