LiveStock 2023: विरोध के बाद केंद्र सरकार ने वापस ल‍िया लाइवस्टॉक ब‍िल 2023, बताई ये वजह

LiveStock 2023: विरोध के बाद केंद्र सरकार ने वापस ल‍िया लाइवस्टॉक ब‍िल 2023, बताई ये वजह

कई संस्थांओं ने ये कहकर भी इस बिल का विरोध जताया है कि जहां आज बहुत सारे देश पशुओं के आयात-निर्यात पर रोक लगा रहे हैं, वहीं हम लाइव स्टॉक को कमोडिटी में शामिल करने के साथ कुत्ते -बिल्लियों को भी इसमे शामिल कर रहे हैं जो बहुत ही गलत कदम है. 

पशुधन का प्रतीकात्मक फोटो. फोटो क्रेडिट-किसान तकपशुधन का प्रतीकात्मक फोटो. फोटो क्रेडिट-किसान तक
नासि‍र हुसैन
  • नई दिल्ली,
  • Jun 21, 2023,
  • Updated Jun 21, 2023, 3:38 PM IST

देशभर में बड़े विरोध के चलते केन्द्र सरकार ने लाइव स्टॉक एक्सपोर्ट एंड इंपोर्ट बिल 2023 को वापस ले लिया है. दो दिन से इस बिल को लेकर सोशल मीडिया पर से नो लाइव स्टॉक बिल 2023 ट्रेंड कर रहा था. पशुओं की सहायता के लिए काम करने वाले कई बड़े संगठनों ने भी इसका कड़ा विरोध किया था. यहां तक की क्रिकेट स्टार कपिल देव ने भी इस संबंध में एक विडियो जारी कर इस बिल के खिलाफ अपना विरोध जताया था. गौरतलब रहे कि सात जून को एनीमल हसबेंडरी डिपार्टमेंट ने अपनी बेवसाइड पर ऑफिस मेमोरेंडम के नाम से इस बिल की कॉपी लगाई हुई है.

सरकार बोली- बिल को समझने, राय देने के लिए वक्त कम मिला 

सरकार ने पशुधन परिवहन बिल 2023 को वापस लेते हुए कहा है कि इस बिल पर परामर्श के दौरान ये देखा गया है कि लोगों की राय लेने, बिल को समझने, पढ़ने और सुझाव देने के लिए और ज्यादा वक्त की जरूरत है. साथ ही इस बिल पर परामर्श के लिए ज्यादा से ज्यादा वक्त की जरूरत है. गौरतलब रहे कि इस बिल पर लोगों के सुझाव लेने के लिए सिर्फ10 दिन का वक्त दिया गया था. जबिक संस्थाओं का कहना है कि आमतौर पर इस तरह के बिल के लिए 60 दिन का वक्त दिया जाता है. 

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ये बोले कपिल देव और पशु प्रेमी संस्थाएं 

क्रिकेट स्टार कपिल देव ने इस बिल के खिलाफ एक विडियो जारी करते हुए कहा था "इस बिल से मैं बहुत दुखी हूं. अब कुत्ते-बिल्लियों को लाइव स्टॉक में शामिल कर उन्हें निर्यात किया जाएगा. उन्हें मार सकते हैं. इस तरह का कोई भी बिल ऐसे-कैसे पास हो सकता है."  

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हरियाणा के गैर मिलावटी समाज ग्वाला गद्दी के संचालक मोहन जी अहलूवालिया ने भी इस बिल का विरोध किया है. बिल के विरोध में अभी तक उनकी अगुवाई में पीएमओ और दूसरे मंत्रालयों को 3467 ईमेल भेजे गए हैं. उनका कहना है "लाइव स्टॉक अगर भारत में कमोडिटी में शामिल हो गया तो इसे भी हाट के बजाए फिर दुकान के किसी सामान की तरह बेचा और खरीदा जाएगा. अभी तक तो पशुओं के मेले और हाट लगाने के लिए अनुमति की जरूरत होती है, लेकिन लगता है कि इस बिल के आ जाने से उसकी भी जरूरत खत्म हो जाएगी." 

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