गन्ने का दाम बढ़ाने की मांग को लेकर हरियाणा के किसानों ने चीनी मिलों के सामने आंदोलन शुरू कर दिया है. सुबह से ही किसान मिलों के बाहर गेट के सामने धरने पर बैठ गए. गेट पर ताला लगा दिया. सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इससे गन्ना मिलों में नहीं गया. भारतीय किसान यूनियन, चढूनी के नेतृत्व में किसानों ने यह आंदोलन शुरू किया है. संगठन ने बताया कि सभी शुगर मिलों को शुक्रवार से गन्ने की सप्लाई अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी गई है. किसानों की सरकार से मांग है कि गन्ने का दाम बढ़ाकर 450 रुपये प्रति क्विंटल किया जाए. दूसरी ओर, गन्ना मूल्य निर्धारण कमेटी का गठन करने के 20 दिन बाद भी सरकार इस पर कोई फैसला नहीं ले पाई है. दाम बढ़ाने के लिए किसानों ने तीन दिन की मोहलत दी है.
यूनियन अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने एलान किया है कि सरकार 22 जनवरी तक गन्ने का दाम बढ़ाए वरना 23 जनवरी को किसान कोई सख्त फैसला लेंगे. इस दिन कुरुक्षेत्र की जाट धर्मशाला में प्रदेश स्तरीय मीटिंग कर अगली रणनीति बनाई जाएगी. सरकार किसानों के हक की बात नहीं मान रही है. गन्ना मिलों में पेराई शुरू हुए 2 महीने से अधिक हो चुके हैं, लेकिन, मनोहरलाल सरकार ने अभी तक रेट घोषित नहीं किया गया है. जिससे गन्ना किसानों में भारी रोष है. सरकार किसानों की बात छोड़कर मिलों के घाटे का रोना रो रही है. यूनियन का दावा है कि सूबे की सभी 16 मिलों में एक भी ट्रॉली गन्ना नहीं जाने दिया गया. जिससे काम प्रभावित हुआ.
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कुरुक्षेत्र और कैथल में प्रदर्शन का असर सबसे ज्यादा रहा. प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि गन्ने का रेट बढ़ाने की मांग को लेकर किसान लगातार संघर्षरत हैं. सरकार हठ कर रही है, जिससे वो मिलों का गेट और गन्ना सप्लाई बंद करने पर मजबूर हुए हैं. किसानों ने 12 दिसंबर 2022 को प्रदेश भर के शुगर मिलों के बाहर प्रदर्शन कर मिल अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा था.
उसके बाद 29 दिसंबर को मंत्रियों के आवास के बाहर प्रदर्शन किया. इसी कड़ी में 5 जनवरी को सांकेतिक रूप से मिलों का कांटा भी बंद कराया. फिर 16 किसान गन्ना मूल्य निर्धारण कमेटी के सामने पेश हुए. लेकिन दाम नहीं बढ़ाया गया. तब जाकर आंदोलन को और तेज करने का फैसला लिया गया.
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गुरनाम चढूनी ने शुक्रवार को प्रदेश के किसानों के लिए जारी संदेश में कहा कि 23 जनवरी तक फैसला नहीं हुआ तो किसान बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे. सरकार किसानों के साथ वादाखिलाफी कर रही है. करनाल किसान महापंचायत में 10 जनवरी को जुटे किसानों का उत्साह देखकर प्रशासन ने 16 तारीख को सरकार द्वारा बनाई कमेटी से मीटिंग करवाने की बात कही थी. लेकिन उसमें किसानों के साथ धोखा हुआ. कमेटी का एक भी विधायक सदस्य मौजूद नहीं था. जिससे बात बिगड़ गई. अभी हरियाणा में गन्ना का दाम 362 रुपये प्रति क्विंटल है. जबकि पंजाब में यह 380 रुपये हो चुका है.