Goat Farming: बकरियों के कॉन्क्लेव में देशभर से जुटेंगे बकरी पालक-साइंटिस्ट, दूध-मीट पर होगी चर्चा

Goat Farming: बकरियों के कॉन्क्लेव में देशभर से जुटेंगे बकरी पालक-साइंटिस्ट, दूध-मीट पर होगी चर्चा

केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा द्वारा गोट कॉन्क्लेव का आयोजन मथुरा या आगरा में किया जा सकता है. हालांकि अभी जगह तय नहीं की गई है. कॉन्क्लेव के दौरान बरबरी, जखराना, जमनापारी और बीटल नस्ल की बकरियों का प्रदर्शन भी किया जाएगा. 

खुले मैदान में चरने के लिए जातीं बकरियां. फोटो क्रेडिट-किसान तकखुले मैदान में चरने के लिए जातीं बकरियां. फोटो क्रेडिट-किसान तक
नासि‍र हुसैन
  • नई दिल्ली,
  • Sep 20, 2023,
  • Updated Sep 20, 2023, 12:17 PM IST

पूरे दो दिन तक बकरे-बकरियों पर चर्चा होगी. बकरी पालन कैसे किया जाए. बकरी के दूध का बाजार कैसे तलाशें. मीट एक्सपोर्ट में कोई परेशानी ना आए इसके लिए बकरों को क्या-क्या और कैसा खिलाया जाए इस सब पर देशभर से आए साइंटिस्ट टिप्स देंगे. कामयाब बकरी पालक अपनी सक्सेस स्टोरी भी सुनाएंगे. 37 में से देश की कुछ खास नस्ल की बकरियों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. मौका होगा गोट कॉन्लेव का. इस कॉन्लेव का आयोजन केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा कर रहा है. 

गौरतलब रहे कि अभी तक सीआईआरजी हर साल बकरी मेले का आयोजन करता आया है. लेकिन पहली बार आयोजित किया जा रहा गोट कॉन्क्लेव जरा हट कर होगा. कुछ वीआईपी गेस्ट के चलते अभी तक कॉन्लेव की तारीख और जगह तय नहीं हुए हैं.

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गोट कॉन्क्लेव में ये लोग होंगे शामिल 

सीआईआरजी के डायरेक्ट‍र डॉ. मनीष कुमार चेतली ने किसान तक को बताया कि दो दिन के गोट कॉन्क्लेव में पहला दिन साइंटिस्ट के नाम रहेगा. ये सभी लोग साइंटीफिक तरीके से बकरी पालन कैसे किया जाए और कृत्रिम गर्भाधान पर बकरी पालकों को जानकारी देंगे. साथ ही बकरे-बकरियों का दाना, चारा और पीने का पानी कैसा हो इस पर भी जानकारी दी जाएगी. मौसम के हिसाब से बकरी पालन कैसे करें इस पर जागरुक किया जाएगा. 

साथ ही साइंटीफिक तरीके से बकरी पालन करने वाले बकरी पालक अपने अनुभव भी साझा करेंगे. बकरी के दूध-मीट के कारोबार से जुड़े लोग इसके बाजार पर चर्चा करेंगे. बकरियों के दाना-चारा तैयार करने वाली कंपनियां, दवाई बनाने वाली कंपनियां और बकरियों के लिए आवास तैयार करने वाली कंपनियां भी इस गोट कॉन्क्लेव में जुड़ेंगी. 

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43 साल पुराना है 756 एकड़ में फैला सीआईआरजी 

सीआईआरजी के डायरेक्टर मनीष कुमार चेटली ने किसान तक को बताया कि हमारा संस्थान 756 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है. यह मखूदम गांव में फरह, मथुरा में स्थित है. यहां बरबरी, जमनापारी, जखराना और बीटल नस्ल के बकरे-बकरी और मुजफ्फरनगरी नस्ल की भेड़ पालन की ट्रेनिंग दी जाती है. हमारे संस्थान में तीनों ही नस्ल  के बकरे-बकरी के साथ ही भेड़ भी मौजूद है. समय-समय पर भेड़-बकरी पर रिसर्च भी होती रहती है. भेड़-बकरी पालन की अलग-अलग बैच बनाकर ट्रेनिंग भी दी जाती है. हमारी बेवसाइट पर इसकी पूरी जानकारी दी जाती है.

 

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