Poultry Export: सरकार-पोल्ट्री फार्मर की इस कोशिश से पहले साल ही बढ़ गया अंडों का एक्सपोर्ट, जानें वजह

Poultry Export: सरकार-पोल्ट्री फार्मर की इस कोशिश से पहले साल ही बढ़ गया अंडों का एक्सपोर्ट, जानें वजह

कई बड़ी वजहों के चलते भारत से पोल्ट्री प्रोडक्ट के नाम पर अंडा और अंडे से बने कुछ प्रोडक्ट ही एक्सपोर्ट होते हैं. चिकन का एक्सपोर्ट ना के बराबर है और ये एक ही पड़ोसी देश को भेजा जाता है. लेकिन इसी तरह की कोशिश जारी रहीं तो जल्द ही चिकन का एक्सपोर्ट भी बढ़ जाएगा.

नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Feb 28, 2024,
  • Updated Feb 28, 2024, 2:13 PM IST

केन्द्र सरकार की लगातार कोशिश है कि फिश और बफैलो मीट की तरह से पोल्ट्री  प्रोडक्ट का भी एक्सपोर्ट बढ़े. ऐसा नहीं है कि हमारे देश में पोल्ट्री प्रोडक्ट का उत्पादन कम है. असल में क्वालिटी के चलते अंडे-चिकन का उतना एक्सपोर्ट नहीं हो पाता है जितना मीट और फिश का होता है. इसी कमी को दूर करने के लिए केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने पोल्ट्री फार्मर के साथ मिलकर एक पहल शुरू की थी. ये पहल थी डिजीज फ्री कंपार्टमेंट जोन. अभी तक चार राज्यों में 26 जोन घोषित किए जा चुके हैं. 

विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WOAH) ने खुद इन पर मुहर लगाई है. पोल्ट्री एक्‍सपर्ट का मानना है कि इसके बाद से ही अंडों का एक्सपोर्ट बढ़ना शुरू हो गया है. इस वित्त वर्ष में पहले नौ महीने के आंकड़े ने बीते साल के आंकड़े को छू लिया है. अब ये आंकड़ा करीब 12 सौ से लेकर 14 सौ करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है.   

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 529 करोड़ से अब 12 सौ करोड़ पर पहुंचेगा पोल्ट्री एक्सपोर्ट 

पोल्ट्री  एक्सपर्ट की मानें तो साल 2021-22 में 529 करोड़ रुपये का पोल्ट्री प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट हुआ था. हालांकि कोरोना के बाद साल 2022-23 में ही ये आंकड़ा डबल यानि 1081 करोड़ पर पहुंच गया था. हालांकि सात साल के रिकॉर्ड में ये पहला मौका था जब पोल्ट्री एक्सपोर्ट ने एक हजार करोड़ के आंकड़े को पार किया था. अब वित्त वर्ष 2023-24 की जो रिपोर्ट आ रही है उसके मुताबिक इस वित्त वर्ष के नौ महीने यानि दिसम्बर तक पोल्ट्री एक्स‍पोर्ट 1074 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. जबकि साल खत्म होने में अभी तीन महीने बाकी हैं. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि एक्सपोर्ट का ये आंकड़ा 12 सौ से लेकर 14 सौ करोड़ के आंकड़े पर पहुंच सकता है.

 

पोल्ट्री फार्मर और सरकार ने की थी ये कोशिश 

केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी सचिव अलका उपाध्याय ने हाल ही में पोल्ट्री सेक्टर से जुड़े लोगों के साथ एक बैठक की थी. इस बैठक में इस बात पर चर्चा हुई थी कि पोल्ट्री एक्सपोर्ट को बढ़ाने के लिए और क्या कदम उठाए जा सकते हैं. बायो सिक्योरिटी को लेकर इस बैठक में बड़ी चर्चा हुई थी. इससे पहले सचिव ने डिजीज फ्री कंपार्टमेंट जोन को लेकर अभियान शुरू करवाया था. यही वजह है कि इस अभियान के बाद ही साल 2006 में बर्ड फ्लू का महाराष्ट्र  में पहला केस आया था वहीं से इसका सफाया शुरू हो गया.

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आज महाराष्ट्र के सतारा में दो और पुणे में 11 जगहों को डिजीज फ्री कंपार्टमेंट जोन घोषित कर दिया गया है. मतलब यहां के अंडे-चिकन में कोई बीमारी नहीं है. इसी तरह से कुल 26 डिजीज फ्री कंपार्टमेंट जोन घोषित किए गए थे. इसमे छत्तीसगढ़ में छह जगहों पर और तमिलनाडू में पांच जगहों पर बर्ड फ्लू फ्री अंडा और चिकन बिक रहा है. वहीं यूपी के सहारनपुर में एक जोन घोषित किया गया है. तमिलनाडु के नमक्कल से बड़ी संख्या में अंडा एक्सपोर्ट होता है. 
 

 

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