संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को किसान सभा ने किसानों की बीमा क्लेम, लंबित मुआवजे, बाढ़ पीड़ितों को राहत समेत अन्य मांगों को लेकर तहसीलों पर एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. सांपला, रोहतक, कलानौर, महम, भिवानी, हिसार, आदमपुर, फतेहाबाद, रेवाड़ी, जींद, कैथल, यमुनानगर, पानीपत, पलवल और झज्जर में किसानों ने प्रशासन से अपनी मांगों को पूरा करवाने की अपील की और प्रदर्शन किया. किसानों ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बर्बाद फसलों, टूटे मकानों, मृत पशुधन और खराब हुए ट्यूबवेलों के नुकसान का आंकलन करवाकर राज्य सरकार जल्द से जल्द मुआवजा दे. साथ ही रबी वर्ष 2022 और रबी वर्ष 2023 के फसल नुकसान का पुराना मुआवजा भी जल्द जारी करे.
किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने कहा कि बेमौसमी बारिश, प्राकृतिक आपदा और आगजनी से फसलों को होने वाले नुकसान के बदले मिलने वाली मुआवजा राशि बढ़ाई जाए. मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के अभाव में जिन किसानों को नुकसान के बावजूद मुआवजा नहीं मिल पाया है उन्हें भी राहत प्रदान की जाए. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का बकाया बीमा क्लेम जारी किया जाए और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार लागत का डेढ़ गुना दाम पर फसल खरीद की गारंटी सुनिश्चित हो. बिजली संशोधन कानून 2022 को रद्द करने की मांग भी उन्होंने उठाई.
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किसान सभा राज्य सचिव सुमित सिंह ने कहा कि सभी जिलों और तहसीलों के माध्यम से सरकार को ज्ञापन देने का निर्णय किया गया था. इसी के तहत सोमवार को रोहतक के जिला उपायुक्त के जरिए भी मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया. जिला प्रधान प्रीत सिंह ने कहा की प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ आने से खेती-बाड़ी और मानवीय जीवन को काफी हानि हुई है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जल्द राहत कार्य शुरू हो और केंद्र सरकार प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष आर्थिक राहत जारी करे. सिर्फ खेती को हुए नुकसान के लिए ही नहीं बल्कि मृत पशुओं और जलभराव से खराब हुए ट्यूबवेलों के लिए भी मुआवजा मिले. वरना किसान उबर नहीं पाएंगे.
किसान सभा ने ज्ञापन के माध्यम से रबी वर्ष 2022 और रबी वर्ष 2023 की फसल खराबे का पुराना बकाया सारा मुआवजा जल्द जारी करने की मांग उठाई. संगठन ने कहा कि बिजली संशोधन कानून 2022 को रद्द कर प्रदेश में लंबित सैकड़ों ट्यूबवेल कनेक्शन जारी किए जाएं. उससे पहले जल्द से जल्द बाढ़ पीड़ितों को मदद मिले ताकि वो नए सिरे से अपनी खेती को शुरू कर सकें. राज्य के कई जिलों में खासतौर पर धान की फसल को नुकसान पहुंचा है. अब उन्हें दोबारा रोपाई करनी पड़ेगी. रोहतक तहसील में जिला उपायुक्त को ज्ञापन देते समय इंद्रजीत सिंह के अलावा अशोक राठी, खेमचंद, ओम प्रकाश कादयान और रणधीर राठी सहित कई किसान नेता मौजूद रहे.
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