तेलंगाना के किसानों के लिए बड़ी राहत, केंद्र ने रबी धान खरीद की दी मंजूरी 

तेलंगाना के किसानों के लिए बड़ी राहत, केंद्र ने रबी धान खरीद की दी मंजूरी 

तेलंगाना से रबी धान की खरीद को लेकर अनिश्चितता को खत्म करते हुए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को खरीद की हरी झंडी दे दी है. हालांकि, केंद्र सरकार ने इस बात पर जोर देकर कहा है कि सरकार केवल सफ़ेद चावल की खरीदी करेगा, न कि उसना चावल की.

केंद्र सरकार ने रबी धान की खरीद के लिए दी मंजूरीकेंद्र सरकार ने रबी धान की खरीद के लिए दी मंजूरी
क‍िसान तक
  • Noida ,
  • Mar 04, 2023,
  • Updated Mar 04, 2023, 1:18 PM IST

तेलंगाना से रबी धान की खरीद को लेकर अनिश्चितता को खत्म करते हुए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को खरीद की हरी झंडी दे दी है. हालांकि, केंद्र सरकार ने इस बात पर जोर देकर कहा है कि सरकार केवल सफेद चावल की खरीदी करेगा, न कि उसना चावल की. गौरतलब है कि केंद्र का यह निर्णय राज्य सरकार और लगभग 60 लाख किसानों को बड़ी राहत प्रदान करने वाला है, जिन्होंने रबी सीजन में बंपर उपज प्राप्त की है.  केंद्र और राज्य के उसना चावल की खरीद के मुद्दे के बीच तेलंगाना के किसानों ने रबी सीजन में 23.50 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में धान की खेती की है. शुरुआती अनुमानों के मुताबिक, तेलंगाना में 1.30 करोड़ टन धान का उत्पादन होने की संभावना है, जिसमें से सरकार को कम से कम 80 लाख टन की खरीदी करनी पड़ेगी.

बता दें कि खरीद पर अनिश्चितता से चिंतित, राज्य सरकार का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल उपभोक्ता मामलों और खाद्य मंत्रालय के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए दिल्ली गया था. वहीं केंद्र सरकार ने राहत प्रदान करते हुए यह संकेत दिया है कि खरीदी होगी. गौरतलब है कि उसना चावल को छोड़कर 80 लाख टन धान या लगभग 55-57 लाख टन चावल की खरीद की जाती है.

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बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, एक मिलर ने कहा, "यहां समस्या यह है कि रूपांतरण दर (100 किलो धान से मिल्ड चावल की मात्रा) खरीफ चावल की तुलना में काफी कम है. कटाई के दौरान तेज तापमान के कारण, अनाज भंगुर हो जाता है और खरीफ की तुलना में कम मात्रा में चावल उत्पादन होता है. खरीफ धान के 100 किलो धान से 66-68 किलो चावल मिलता है, जबकि रबी धान से केवल 60-62 किलो चावल मिलता है, जिससे मिलों के लिए यह कम लाभकारी साबित होता है." वहीं राज्य सरकार ने खरीफ सीजन में 11,000 करोड़ रुपये खर्च करके लगभग 60 लाख टन धान की खरीद की थी.
 

 

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