Poultry: पोल्ट्री बाजार को चाहिए स्किल्ड लेबर, एक्सपर्ट ने बताई क्यों हो रही जरूरत 

Poultry: पोल्ट्री बाजार को चाहिए स्किल्ड लेबर, एक्सपर्ट ने बताई क्यों हो रही जरूरत 

पोल्ट्री एक्सपर्ट का मानना है कि मुर्गी बहुत ही सेंसेटिव होती है. उसे पूरी-पूरी देखभाल की जरूरत होती है. दाना-पानी वक्त पर चाहिए. इतना ही नहीं कोरोना और एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) जैसी तमाम बीमारियों के वक्त में जरूरी हो जाता है कि मुर्गियों की देखभाल करने वाला स्टाफ ट्रेंड हो. 

पोल्ट्री फार्म में ऑटोमेटिक मशीन से अंडे जमा करती लेबर. फोटो क्रेडिट-किसान तकपोल्ट्री फार्म में ऑटोमेटिक मशीन से अंडे जमा करती लेबर. फोटो क्रेडिट-किसान तक
नासि‍र हुसैन
  • नई दिल्ली,
  • Oct 04, 2023,
  • Updated Oct 04, 2023, 11:09 AM IST

देश में ढाई लाख करोड़ वाला पोल्ट्री कारोबार हर साल करीब आठ फीसद की दर से बढ़ रहा है. पोल्ट्री बाजार की पहचान अंडे और चिकन से होती है. अंडे देश से एक्सपोर्ट भी किए जाते हैं. अंडे-चिकन की घरेलू डिमांड भी बढ़ रही है. इसी के चलते पोल्ट्री प्रोडक्ट की क्वालिटी पर भी बात होने लगी है. कोरोना और एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) ने ग्राहकों को हाईजीन और क्वाल‍िटी के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है. अब तो भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने भी पोल्ट्री फार्म के लिए नियम बना दिए हैं. यही वजह है कि पोल्ट्री बाजार को स्किल्ड लेबर की जरूरत महसूस होने लगी है. 

हाल ही में गोवा में पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया (पीएफआई) की एनुअल जनरल मीटिंग (एजीएम) में भी इस पर खासी चर्चा हुई है. मत्स्य, पशुपालन और डेयरी केन्द्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान ने भी इस बारे में बड़ा ऐलान किया है. बॉयो सिक्योरिटी को देखते हुए भी पोल्ट्री सेक्टर में स्किल्ड लेबर की सख्त जरूरत महसूस की जा रही है.

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पोल्ट्री बाजार को चाहिए 5 लाख स्क‍िल्ड लेबर

दीनदयाल उपाध्याय वेटरनरी एनीमल साइंस यूनिवर्सिटी,मथुरा के डीन डॉ. पीके शुक्ला ने एजीएम में बोलते हुए कहा कि आज पोल्ट्री बाजार को हर साल करीब पांच लाख स्किल्ड लेबर की जरूरत है. जबकि मौजूदा वक्त में इस बाजार के पास सिर्फ डेढ़ लाख स्क‍िलड लेबर ही है. क्योंकि जिस रेट से इंडस्ट्री की ग्रोथ हो रही है उस हिसाब से ये आंकड़ा तैयार किया गया है. एक अनुमान के मुताबिक ही मौजूदा वक्त में इस बाजार के पास अभी सिर्फ डेढ़ लाख के आसपास ही स्किल्ड लेबर है.

जब ये जरूरत पूरी हो जाएगी तो उसके बाद हर साल पोल्ट्री बाजार को कम से कम 50 हजार स्किल्ड लेबर की जरूरत होगी. इसके लिए कोर्स भी तैयार हैं. कोर्स पर हम पहले ही काम कर मंत्रालय को सौंप चुके हैं. फार्म की ग्राउंड लेबर से लेकर सुपरवाइजर और मैनेजर तक के लिए कोर्स तैयार किए गए हैं. अभी देश में प्राइवेट तौर पर वेंकेटेश्वर हैचरी कंपनी और सुगुना फूड्स एंड पोल्ट्री फार्म इस कोर्स को करा रहे हैं.    

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पीपीपी मॉडल पर पोल्ट्री इंस्टी्ट्यूट खोलेगी सरकार 

एजीएम में बतौर मुख्य अतिथि आए संजीव बालियान ने कहा कि अगर स्क‍िल्ड लेबर पोल्ट्री बाजार की जरूरत है तो केन्द्र सरकार इसमे पूरा सहयोग देगी. कई केन्द्रीय संस्थानों में जमीन है. जहां पीपीपी मॉडल पर पोल्ट्री बाजार की जरूरत के हिसाब से स्किल्ड लेबर तैयार की जा सकेगी. इसके लिए राज्य सरकारों से भी बात की जाएगी. क्योंकि एक्सपोर्ट के मानक और बीमारियों के चलते पोल्ट्री फार्म और स्टाफ साफ-सफाई का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी हो जाता है.

 

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