प्याज के दाम में गिरावट का दौर जारी है. पिछले एक सप्ताह में ही दाम में 5.61 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. इसके साथ ही देश में प्याज का दाम कम होकर 28 जनवरी को सिर्फ 2007.76 रुपये प्रति क्विंटल रह गया. एक महीने पहले के दाम से तुलना की जाए तो 8.24 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश और राजस्थान में तो दाम इससे भी कम हो गए हैं. महाराष्ट्र की कुछ मंडियों में तो किसान प्याज को महज 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल के थोक भाव पर बेचने के लिए मजबूर हैं. बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि आवक तेज हुई तो दाम और तेजी से गिरेंगे और आवक तेज होने की पूरी संभावना बनी हुई है. क्योंकि अभी जो प्याज खेतों से निकल रहा है वो लेट खरीफ सीजन का है, जिसे स्टोर करके नहीं रखा जा सकता. क्योंकि इस सीजन वाले प्याज में सड़न तेजी से आती है. ऐसे में किसानों के पास इस सीजन का प्याज लाकर मंडी में बेचने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है.
इस बार फसल भी बंपर है. ऐसे में अगर सरकार ने अगर कोई बड़ा नीतिगत फैसला नहीं किया तो किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता है. रबी सीजन वाले प्याज की भी खेती का दायरा बढ़ गया है. प्याज एक्सपोर्टर विकास सिंह ने बताया कि इस साल बांग्लादेश और पाकिस्मान में भी प्याज की बंपर फसल है. ऐसे में केंद्र सरकार अगर प्याज एक्सपोर्ट पर लगे हुए 20 फीसदी निर्यात शुल्क को खत्म नहीं करती है तो न सिर्फ एक्सपोर्ट बाधित होगा बल्कि इससे किसानों का भी बड़ा नुकसान होगा. पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बाजार के हमारे बने बनाए ग्राहकों को हमसे सस्ते में प्याज देकर उन्हें तोड़ रहा है. महाराष्ट्र के किसान एक्सपोर्ट ड्यूटी खत्म करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन सरकार ने अभी इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया है.
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(केंद्रीय कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट)
प्याज के दाम में उतार-चढ़ाव के पीछे मांग-आपूर्ति और एक्सपोर्ट ड्यूटी का खेल है. कृषि मंत्रालय के मुताबिक 21 से 28 जनवरी 2025 के बीच देश की रेगुलेटेड मंडियों में 4,16,647 टन प्याज बिकने के लिए आया, जो पिछले साल की इसी अवधि की आवक के मुकाबले लगभग 33 फीसदी ज्यादा है. साल 2024 की इसी अवधि में 3,14,039 मीट्रिक टन प्याज ही बिकने आया था. बंपर आवक की वजह से प्याज के दाम में गिरावट का सिलसिला जारी है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ी हुई है.
अगर सिर्फ एक दिन की ही आवक की बात करें तो भी आप अंदाजा लगा लेंगे कि इस साल क्या होने वाला है. कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट बताती है कि 28 जनवरी 2024 को देश भर में किसान महज 15,049 टन प्याज ही मंडियों में बेचा था. जबकि इस साल यानी 28 जनवरी 2025 को 52,431 टन प्याज बिकने आया. यानी आवक में 248 फीसदी का इजाफा हुआ है. ऐसे में कुल मिलाकर तस्वीर ये बनती है कि प्याज के दाम में और कमी होने की संभावना बढ़ गई है.
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