Edible Oil Price: उपभोक्‍ताओं के लिए सस्‍ता होगा सोयाबीन से लेकर सूरजमुखी का तेल! व्‍यापार संगठन ने की अपील

Edible Oil Price: उपभोक्‍ताओं के लिए सस्‍ता होगा सोयाबीन से लेकर सूरजमुखी का तेल! व्‍यापार संगठन ने की अपील

Edible Oil Price: भारत ने कच्चे खाद्य तेल पर आयात शुल्क घटाकर 27.5% से 16.5% कर दिया है, जिससे उपभोक्ताओं को सस्ता तेल मिल सकता है और व्यापारी खुश हैं. हालांकि, किसान इस फैसले से नाराज हैं, क्योंकि इससे घरेलू तिलहन फसलों की कीमतें और गिर सकती हैं.

Edible oil Price Reduction demandEdible oil Price Reduction demand
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jun 05, 2025,
  • Updated Jun 05, 2025, 6:03 PM IST

भारत घरेलू तिलहन उत्‍पादन के बाद भी अपनी जरूरत के खाद्य तेल का एक बड़ा हिस्‍सा दूसरे देशों से आयात करता है. यहां कच्‍चा खाद्य तेल और रिफाइंड खाद्य तेल दाेनों का ही भारी मात्रा में आयात होता है. लेकिन, हाल ही में सरकार ने किसानों को अचंभित करते हुए कच्‍चे खाद्य तेल के आयात पर लगे शुल्‍क में भारी कटौती कर दी. इससे एक ओर सीधे उपभोक्‍ताओं को फायदा होने की उम्‍मीद है तो वहीं उद्योग- व्‍यापारी इस फैसले से खुश हैं. इस बीच, अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ और कॉन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) व्‍यापारियों से तेल का आयात शुल्‍क घटने के बाद इसका फायदा उपभोक्‍ताओं तक पहुंचाने की अपील की है. ऐसे में अगर सप्‍लाई चैन से जुड़े सभी घटक आयात शुल्‍क कम होने का लाभ देते हुए कीमतें घटाते हैं तो इसका फायदा उपभोक्‍ताओं को भी मिलने लगेगा.

'उपभोक्‍ताओं के लिए घटाएं कीमत'

अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और CAIT के राष्ट्रीय मंत्री शंकर ठक्कर ने खाद्य तेल उत्पादकों, थोक विक्रेताओं, वितरकों, खुदरा विक्रेताओं, ऑनलाइन विक्रेताओं और क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स से अपील की है कि वे केंद्र सरकार के 31 मई से लागू खाद्य तेल आयात पर कम शुल्‍क का फायदा उपभोक्‍ताओं तक पहुंचाएं. उन्‍होंने कहा कि खाद्य तेल बिक्री के सभी घटकों का फर्ज बनता है कि सभी अपने-अपने स्तर पर तेल की कीमतों में कटौती करें.

16.5 फीसदी रह गया आयात शुल्‍क

मालूम हो कि सरकार ने पिछले साल सितंबर में आयात शुल्‍क में बढ़ोतरी की थी, जिसके बाद 31 मई से कच्‍चे खाद्य तेल का आयात शुल्‍क को उलट दिया गया. इसकी वजह से अब कच्चे पाम, सोया और सूरजमुखी उत्पादों पर लगने वाला प्रभावी आयात शुल्क 27.5 फीसदी से घटकर 16.5 फीसदी हो गया है, जिसमें मूल सीमा शुल्क और अतिरिक्त शुल्क शामिल हैं.

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महासंघ ने सरकार से की ये अपील

शंकर ठक्कर ने अपने संगठन के सदस्य और सभी प्रकार के विक्रेताओं से निवेदन किया है कि वे लागत में कमी का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएं और पैकेज पर छपी एम.आर.पी. को कम करें. वहीं, महासंघ के महामंत्री तरुण जैन ने कहा सरकार को बड़े उत्पादकों से यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि वह तुरंत एमआरपी और दामों में कटौती करें, ताकि पूरी सप्लाई चैन मिलकर इसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जा सके.

आयात शुल्‍क घटने से किसान नाराज!

उद्योग जगत के नेताओं ने सरकार से कच्‍चे खाद्य तेल और रिफाइंड तेल के आयात शुल्‍क में 20 प्रतिशत अंतर बनाए रखने की मांग उठाई थी. ऐसे में उद्योग से जुड़े कई संगठनों ने इस फैसले का स्‍वागत किया है. वहीं, किसान संगठन और एक्सपर्ट इस फैसले के पक्ष में नहीं हैं.

उनका कहना है कि इस फैसले के कारण पहले से एमएसपी के नीचे चल रही तिलहन फसलों की कीमतों में और गिरावट आएगी. वहीं, एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि ठीक खरीफ सीजन की शुरुआत में यह फैसला, तिलहन फसलों की बुवाई में बड़ी गिरावट का कारण बन सकता है और किसान कोई सुरक्षि‍त आय वाली फसल का चयन कर सकते हैं. 

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