देश के किसान प्याज के आंसू रो रहे हैं. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि कई जगह से खबरें आ रही हैं जब किसान अपनी उपज का सही दाम नहीं मिलने से पूरी उपज सड़कों पर फेंक देते हैं. कहीं-कहीं तो प्याज को फ्री में बांट दिया जा रहा है. हालिया घटना कर्नाटक के विजयपुरा की है जहां एक किसान ने प्याज की पूरी उपज को हाइवे पर फेंक दिया और सड़क पर लुढ़क-लुढ़क कर विरोध जताया. इस घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है.
घटना कुछ यूं है कि प्याज की गिरती कीमतों के खिलाफ एक चौंकाने वाले विरोध प्रदर्शन में, विजयपुरा जिले के एक किसान ने हुबली-सोलापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोल्हार शहर के पास प्याज की पूरी खेप फेंक दी और चला गया.
यह घटना सोमवार को हुई और बाद में एक वायरल वीडियो के ज़रिए सामने आई, जिसमें रोनिहाल गांव के किसान नंदप्पा गुड्डा शामिल थे. नंदप्पा और साथी किसान मल्लिकार्जुन गोलागोंडा द्वारा उगाए गए प्याज की कीमत कथित तौर पर सिर्फ़ 250 रुपये प्रति क्विंटल थी, जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया. बसवन बागेवाडि मंडी में आयोजित नीलामी में किसानों को अपनी उपज के लिए 800-1000 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य मिलने की उम्मीद थी. मगर उन्हें 250 रुपये क्विंटल का दाम मिला. इससे नाराज एक किसान ने पूरी बोरी को हाइवे पर फेंक दी और उस पर लुढ़क कर विरोध जताया.
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महाराष्ट्र का नासिक जिला प्याज की खेती और बिक्री के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. यहां की मंडी भी विश्व विख्यात है. मगर नासिक के किसान भी प्याज की गिरती कीमतों से परेशान हैं. अभी हाल में खबर आई कि किसानों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर प्याज की कीमतें नहीं सुधरती हैं तो वे सरकार के खिलाफ नया आंदोलन छेडे़ंगे. इस तरह की कई घटनाएं देश के अलग-अलग हिस्सों से अक्सर आती हैं जिसमें किसान प्याज की कीमतों को लेकर परेशान दिखाई देते हैं. वे सरकार से गुहार लगाते हैं कि उनकी उपज का सही दाम मिले ताकि उन्हें लागत के लिए भी नहीं जूझना पड़े.
अपनी उपज का सही दाम नहीं मिलने से नाराज किसानों ने मध्य प्रदेश के उज्जैन कृषि उपज मंडी के बाहर लोगों को मुफ्त में प्याज बांट दिया. मंडी आए किसानों ने संयुक्त कृषक संगठन के बैनर तले प्रदर्शन करते हुए प्याज को एमएसपी में सम्मिलित किए जाने की मांग की. किसानों ने उन नेताओं पर भी तंज किया, जो दाम बढ़ने पर प्याज की माला पहनकर प्रदर्शन के लिए आ जाते हैं.
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किसानों का कहना था कि आज जब किसानों की लागत नहीं निकल पा रही तो कोई भी उनकी खैर खबर लेने वाला नहीं है. दरअसल इस साल किसानों को प्याज की खेती में जमकर नुकसान हुआ है. हालात ये हैं कि मंडी आने वाला अच्छे से अच्छा प्याज भी औने-पौने दाम में खरीदा जा रहा है जिससे किसानों को लागत तक निकालने में मुश्किल हो रही है. किसान बताते हैं कि मंडी में उनकी उपज एक रुपये, दो रुपये, पांच रुपये में खरीदी जा रही है. गांव में बारिश की वजह से प्याज सड़ रहा है. ऐसे में उनके पास कोई रास्ता ही नहीं बचा.(सगय राज का इनपुट)
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