देश में महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है. सरकार की ओर से जारी किए जा रहे आंकड़ों में भी इसकी हकीकत दिखाई दे रही है. खाने-पीने के सामानों के दाम आसमान छू रहे हैं. पिछले कुछ महीनों में वेज थाली के दाम नॉनवेज थाली के मुकाबले ज्यादा तेजी से बढ़े हैं. इसके पीछे काफी हद तक दालों और तेलों के महंगे होने की बहुत बड़ी भूमिका है. ऐसे में आज हम आपको विभिन्न खाद्य और अन्य जरूरत की उपज का मंडी भावन बताने जा रहे हैं कि पिछले दो महीनों में इनका क्या भाव रहा. मंडियों में किसानों को इनका कितना दाम मिला.
तूर, सोयाबीन, धान, कपास आदि को लेकर इस साल मार्केट में काफी उथल-पुथल मची हुई है. अभी भी किसान सोयाबीन और कपास के सही दाम न मिलने से परेशान है. वहीं, दलहन में तूर दाल के किसानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं. धान पर एमएसपी के कारण किसान थोड़े संतुष्ट हैं.
सबसे पहले बात करते है तूर दाल की. सरकार ने तूर दाल पर 7550 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी की घोषणा की है, जबकि अक्टूबर और नवंबर 2024 में मंडी में किसानों को इसका भाव 28 प्रतिशत से ज्यादा यानी 9725 रुपये मिला. वहीं, धान के लिए सरकार 2300 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी दे रही है, जबकि मंडियों में किसानों को औसत कीमत 2345 रुपये मिली, जो 2 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.
सबसे ज्यादा ज्वलंत मुद्दा रही सोयाबीन के भाव अभी तक नहीं बढ़े हैं. अक्टूबर और नवंबर में किसानों को औसत कीमत एमएसपी से करीब 15 प्रतिशत नीचे मिली है. सरकार ने एमएसपी 4892 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया, लेकिन किसानों को उपज पर 4168 रुपये का भाव ही मिला. वहीं, मध्यम क्वालिटी की कॉटन (कपास) पर सरकार ने 7121 रुपये प्रति क्विंटल का एमएसपी तय किया, लेकिन औसत कीमत 7093 रुपये मिली. जानिए अन्य फसलों की औसत कीमतें...
फसल | एमएसपी (रु. में) | मंडी भाव (रु. में) | MSP के मुकाबले नुकसान/लाभ का प्रतिशत |
तूर (अरहर) दाल | 7550 | 9725 | 28.8 |
शीशम | 9267 | 11574 | 24.9 |
धान | 2300 | 2345 | 2 |
कॉटन (मीडियम) | 7121 | 7093 | - 0.4 |
उड़द | 7400 | 7248 | -2.1 |
मक्का | 2225 | 2157 | -3.1 |
बाजरा | 2625 | 2492 | -5.1 |
रामतिल | 8717 | 7652 | -12.2 |
जवार | 3371 | 2887 | -14.4 |
सोयाबीन | 4892 | 4168 | -14.8 |
मूंग | 8682 | 6894 | -20.6 |
मूंगफली | 6783 | 5372 | -20.8 |
सूरजमुखी | 7280 | 5704 | -21.6 |
रागी | 4290 | 3164 | -26.6 |
नोट: उक्त औसत कीमतें एगमार्कनेट के मुताबिक, अक्टूबर 2024 और नवंबर 2024 की हैं.