पंजाब के कपास किसानों की परेशानी को लेकर राज्य के कृषि और किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बुधवार को केंद्र सरकार पर सख्त सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि राज्य की मंडियों में "सफेद सोना" यानी कपास की आमद शुरू हो चुकी है, लेकिन कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) की गैरहाजिरी ने किसानों को संकट में डाल दिया है. किसान मजबूरी में निजी व्यापारियों को अपनी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम दाम पर को बेचने को मजबूर हैं.
चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान खुड्डियां ने कहा कि केंद्र सरकार ने कपास की खरीद के लिए 7,710 रुपये प्रति क्विंटल का MSP घोषित किया है. इसके बावजूद खरीद शुरू न होना किसानों में गहरी नाराजगी और निराशा का कारण बना हुआ है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को MSP पर खरीद का भरोसा दिलाया था, लेकिन अब वही वादे खोखले साबित हो रहे हैं.
मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार ने फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाए हैं. इन्हीं कोशिशों का नतीजा है कि पंजाब में कपास की खेती का क्षेत्रफल इस साल करीब 20 प्रतिशत बढ़ा है. वर्ष 2024 में जहां लगभग 99 हजार हेक्टेयर में कपास बोया गया था, वहीं इस बार यह क्षेत्र बढ़कर 1.19 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया. सरकार ने किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए हाइब्रिड कपास बीज पर 33 प्रतिशत सब्सिडी और अन्य सहूलियतें दीं.
खुड्डियां ने कहा कि किसानों ने MSP की गारंटी पर कपास बोने का जोखिम उठाया, लेकिन अब खरीद न होने से वे कर्ज और आर्थिक तंगी के चलते अपनी उपज औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि किसानों का विश्वास बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि CCI तत्काल मंडियों में खरीद शुरू करे.
उन्होंने कहा कि अगर फसल का एक छोटा हिस्सा भी एमएसपी से कम दाम पर बिकता है तो यह किसानों के भरोसे को गहरी चोट पहुंचाता है. पंजाब सरकार और किसानों ने अपनी जिम्मेदारियां पूरी निष्ठा से निभाई हैं. अब केंद्र को आगे बढ़कर संकट दूर करना होगा. खुड्डियां ने साफ कहा कि CCI की खरीद में देरी से उपजे संकट का समाधान तुरंत होना चाहिए, वरना किसानों की नाराजगी और बढ़ेगी. (एएनआई)