करनाल मंडी में किसानों को धान की फसल बेचने में दिक्कत, MSP से कम दामों पर बिक रही उपज

करनाल मंडी में किसानों को धान की फसल बेचने में दिक्कत, MSP से कम दामों पर बिक रही उपज

करनाल मंडियों में अब तक 2.32 लाख मीट्रिक टन धान की आवक हुई. खाद्य आपूर्ति विभाग, हैफेड और हरियाणा वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन ने की धान की खरीद. किसान मंडी में फसल के लिए उचित कीमत और खरीद की मांग कर रहे हैं. फसल में कम झाड़ और बारिश से नुकसान, किसानों की आमदनी प्रभावित.

paddy sale in Karnalpaddy sale in Karnal
कमलदीप
  • Karnal,
  • Oct 09, 2025,
  • Updated Oct 09, 2025, 3:45 PM IST

करनाल जिले की मंडियों में कुल 2,32,856 मीट्रिक टन धान की आवक हुई, जिसमें से 1,58,206 टन खाद्य आपूर्ति विभाग, 36,898 टन हैफेड और 37,661 टन हरियाणा वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन द्वारा खरीदी गई. किसानों को फसल बेचने के लिए मंडी में खरीदारों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. किसानों ने बताया कि फसल का झाड़ कम होने और बारिश की वजह से नुकसान हुआ है, जिसके चलते फसल के दाम कम मिल रहे हैं.

कई किसानों ने बताया कि उनकी फसल MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से काफी कम दर पर खरीदी जा रही है. किसान सरकार से मांग कर रहे हैं कि उनकी फसल को उचित रेट पर खरीदा जाए ताकि वे अपने खर्चों को पूरा कर सकें.

धान बेचने में परेशानी

करनाल के कुटेल गांव से मंडी में धान लेकर पहुंचे किसान रिंकू ने बताया कि अभी तक मंडी में उनकी फसल को खरीदने के लिए कोई नहीं आया है. उन्होंने कहा कि किसानों की धान की फसल पहले ही खराब हो चुकी है. फसल का झाड़ भी इस बार कम है. फसल के दाम भी उनको कम मिल रहे हैं. दो दिन पहले भी वो मंडी में अपनी फसल को लेकर आए थे. उसे एमएसपी पर नहीं खरीदा गया. केवल 2200 रुपये में उसे खरीदा गया. आज जो फसल लेकर आए हैं, उसका कितना रेट लगेगा इस बारे में अभी तक कुछ पता नहीं है. सेलर वाले भी अपनी मन मर्जी कर रहे हैं.

किसान ने बताया, किसानों के लिए तो समस्या ही समस्या बनी हुई है. दो-दो दिन उनकी फसल मंडी में पड़ी रहती है, उसे कोई लेने वाला नहीं है. व्यापारी 2000, 2100, 1800 रुपये में उनकी फसल का रेट लगाकर चले जाते हैं. इस बार फसल का झाड़ पहले से ही कम होने से किसान परेशान हैं. किसानों के पास फसल के सिवा और क्या है. बरसात के कारण पहले ही 10 क्विंटल झाड़ कम निकल रहा है. 

मंडी में अपनी धान की फसल लेकर पहुंचे किसान रणधीर सिंह ने बताया कि इस साल उनकी फसल में झाड़ नहीं है. बीमारी और बारिश से उनकी फसल को नुकसान हुआ है. फसल बेचने के लिए वे मंडी में आए हैं लेकिन रेट बहुत कम लगा है. सरकारी रेट 2389 रुपये है. उसके हिसाब से फसल की खरीद नहीं हो रही है.

किसानों की आवाज

  • कुटेल गांव के किसान रिंकू ने बताया कि उनकी फसल मंडी में खराब हो चुकी है और खरीदार MSP से कम दाम दे रहे हैं.
  • किसान रणधीर सिंह ने कहा कि फसल में झाड़ कम होने के कारण नुकसान हुआ है और इस बार मंडी में कीमतें बहुत कम लग रही हैं.
  • किसानों का कहना है कि फसल बिके बिना उनका आगे का जीवन मुश्किल हो जाएगा क्योंकि बच्चों की फीस और रोजमर्रा के खर्च फसल की कमाई पर निर्भर हैं.

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