करनाल जिले की मंडियों में कुल 2,32,856 मीट्रिक टन धान की आवक हुई, जिसमें से 1,58,206 टन खाद्य आपूर्ति विभाग, 36,898 टन हैफेड और 37,661 टन हरियाणा वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन द्वारा खरीदी गई. किसानों को फसल बेचने के लिए मंडी में खरीदारों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. किसानों ने बताया कि फसल का झाड़ कम होने और बारिश की वजह से नुकसान हुआ है, जिसके चलते फसल के दाम कम मिल रहे हैं.
कई किसानों ने बताया कि उनकी फसल MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से काफी कम दर पर खरीदी जा रही है. किसान सरकार से मांग कर रहे हैं कि उनकी फसल को उचित रेट पर खरीदा जाए ताकि वे अपने खर्चों को पूरा कर सकें.
करनाल के कुटेल गांव से मंडी में धान लेकर पहुंचे किसान रिंकू ने बताया कि अभी तक मंडी में उनकी फसल को खरीदने के लिए कोई नहीं आया है. उन्होंने कहा कि किसानों की धान की फसल पहले ही खराब हो चुकी है. फसल का झाड़ भी इस बार कम है. फसल के दाम भी उनको कम मिल रहे हैं. दो दिन पहले भी वो मंडी में अपनी फसल को लेकर आए थे. उसे एमएसपी पर नहीं खरीदा गया. केवल 2200 रुपये में उसे खरीदा गया. आज जो फसल लेकर आए हैं, उसका कितना रेट लगेगा इस बारे में अभी तक कुछ पता नहीं है. सेलर वाले भी अपनी मन मर्जी कर रहे हैं.
किसान ने बताया, किसानों के लिए तो समस्या ही समस्या बनी हुई है. दो-दो दिन उनकी फसल मंडी में पड़ी रहती है, उसे कोई लेने वाला नहीं है. व्यापारी 2000, 2100, 1800 रुपये में उनकी फसल का रेट लगाकर चले जाते हैं. इस बार फसल का झाड़ पहले से ही कम होने से किसान परेशान हैं. किसानों के पास फसल के सिवा और क्या है. बरसात के कारण पहले ही 10 क्विंटल झाड़ कम निकल रहा है.
मंडी में अपनी धान की फसल लेकर पहुंचे किसान रणधीर सिंह ने बताया कि इस साल उनकी फसल में झाड़ नहीं है. बीमारी और बारिश से उनकी फसल को नुकसान हुआ है. फसल बेचने के लिए वे मंडी में आए हैं लेकिन रेट बहुत कम लगा है. सरकारी रेट 2389 रुपये है. उसके हिसाब से फसल की खरीद नहीं हो रही है.