खेती में तकनीक की रफ्तार: ट्रैक्टर चालित आधुनिक कृषि यंत्रों ने आसान की जुताई, बढ़ाई पैदावार की उम्मीद

खेती में तकनीक की रफ्तार: ट्रैक्टर चालित आधुनिक कृषि यंत्रों ने आसान की जुताई, बढ़ाई पैदावार की उम्मीद

बैल-हल के दौर से निकलकर अब किसान ट्रैक्टर चालित यंत्रों जैसे रोटावेटर, एम.बी. प्लाऊ, कल्टीवेटर और रिजर यंत्र की मदद से खेत की जुताई कर रहे हैं, जिससे समय, श्रम और लागत की बचत के साथ फसल की गुणवत्ता भी सुधरी है.

Farmers are getting subsidy on agricultural equipmentFarmers are getting subsidy on agricultural equipment
अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • Patna,
  • Oct 10, 2025,
  • Updated Oct 10, 2025, 5:34 PM IST

खेती में कृषि यंत्रों का उपयोग पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है. पहले फसल लगाने से पूर्व खेत की जुताई बैल और हल की मदद से की जाती थी, लेकिन बदलते समय के साथ अब ट्रैक्टर के साथ उपयोग होने वाले कई आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग तेजी से बढ़ा है. जिनमें प्रमुख रूप से एम.बी. प्लाऊ, डिस्क प्लाऊ, स्प्रिंग टाइन कल्टीवेटर, रिजिड टाइन कल्टीवेटर, बार वाइंड कल्टीवेटर, खूंटीदार मचाई यंत्र, रोटावेटर या रोटरी टिलर, लैंड लेवेलर, चैनल फॉर्मर और ट्रैक्टर चालित रिजर यंत्र शामिल हैं. इसकी बदौलत खेत की जुताई के काम आसान हुए हैं, बल्कि समय और श्रम की भी हुई है.

ये सभी यंत्र मुख्य रूप से फसल की बुआई से पहले खेत की जुताई में मिट्टी को तोड़ने और पलटने सहित मिट्टी को भुरभुरी बना कर बीज बेड तैयार करने में उपयोगी हैं. जो बीज अंकुरण और पौधों की वृद्धि में काफी कारगर साबित होता है.  

खेत से खरपतवार हटाने में कारगर प्लाऊ, डिस्क प्लाऊ यंत्र

एम.बी. प्लाऊ, डिस्क प्लाऊ यंत्र का मुख्य उपयोग खेत की जुताई अच्छी तरह से की जा सके इसके लिए किया जाता है. विशेष तौर से जुताई के दौरान खेत में उपस्थित खरपतवार को नष्ट करने में ये दोनों यंत्र काफी कारगर साबित होते हैं. वहीं एम.बी. प्लाऊ यंत्र को मिट्टी पलटने वाला हल भी कहा जाता है. इसे हरी खाद वाली फसलों को मिट्टी में दबाने के लिए भी प्रयोग किया जाता है. यह दो या तीन तल वाले होते हैं. एम.बी. प्लाऊ को 30 से 50 एच.पी. के ट्रैक्टर से चलाया जा सकता है, जिसकी कार्य क्षमता डेढ़ से दो हेक्टेयर प्रतिदिन की है.

डिस्क प्लाऊ यंत्र

इस यंत्र का उपयोग प्राथमिक जुताई के लिए किया जाता है, विशेष तौर से कड़े और शुष्क खरपतवार युक्त और पथरीली जमीन की जुताई के लिए डिस्क प्लाऊ यंत्र काफी उपयोगी माना जाता है. इसमें 60 से 80 सेंटीमीटर के डिस्क लगे होते हैं, जिससे 30 सेंटीमीटर तक गहरी जुताई होती है, और इस यंत्र को 30 से 40 एच.पी. ट्रैक्टर के हाइड्रोलिक सिस्टम और थ्री पॉइंट लिंकेज से नियंत्रित किया जाता है.

रबी-खरीफ की खेती में कारगर हैं ये तीन मशीन

देश के अधिकांश राज्यों में रबी और खरीफ दोनों सीजन की खेती बड़े पैमाने पर होती है. वहीं किसान भी चाहता है कि वह ऐसे कृषि यंत्रों की खरीदारी करे, जिनका उपयोग दोनों सीजन में आसानी से हो सके. वैसे किसानों के लिए खेत की जुताई में स्प्रिंग टाइन कल्टीवेटर, खूंटीदार मचाई यंत्र, रोटावेटर या रोटरी टिलर काफी कारगर साबित हो सकते हैं.

स्प्रिंग टाइन कल्टीवेटर और खूंटीदार मचाई यंत्र का उपयोग

स्प्रिंग टाइन कल्टीवेटर कृषि यंत्र का उपयोग किसान शुष्क और गीली मिट्टी में आसानी से कर सकते हैं. वहीं धान की खेती में कदवा करने में भी यह अत्यंत कारगर सिद्ध होता है. यह एक 35 एच.पी. ट्रैक्टर द्वारा चालित भारी क्षमता वाला स्प्रिंग लगा कल्टीवेटर है. वहीं इसमें लगा स्प्रिंग का काम खेत जुताई के दौरान शोभेल्स या टाइंस के नीचे पत्थर आदि रुकावट आने पर उन्हें टूटने से बचाना होता है. यह यंत्र ट्रैक्टर माउंटेड टाइप के होते हैं और ट्रैक्टर हाइड्रोलिक द्वारा नियंत्रित किया जाता है. इसमें सामान्यतः 9 या 13 टाइंस लगे होते हैं.

खूंटीदार मचाई यंत्र का उपयोग

किसान धान की खेती में रोपनी के लिए खेत की गीली अवस्था में कदवा करने के लिए खूंटीदार मचाई यंत्र का उपयोग कर सकते हैं. वहीं इसके लिए 35 एच.पी. या उससे अधिक शक्ति वाला ट्रैक्टर ही चल सकता है. वहीं, मशीन के काम करने की क्षमता 0.4 हेक्टेयर प्रति घंटा है.

रोटावेटर खरीफ से लेकर रबी सीजन सभी में कारगर

फसल लगाने से पहले खेत की जुताई में जो यंत्र किसानों की पहली पसंद है, वह रोटावेटर या रोटरी टिलर कृषि यंत्र है. यह यंत्र ट्रैक्टर के पी.टी.ओ. शाफ्ट द्वारा संचालित होता है. यह खेत की प्राथमिक जुताई का एक अच्छा एवं उपयोगी यंत्र माना जाता है. इसमें एल टाइप के ब्लेड्स रोटावेटर के शाफ्ट में लगे होते हैं, जो रोटरी मोशन में घूमते हुए मिट्टी को काटते हैं. इसके द्वारा खेत में लगे अवशेषों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर जमीन में दबा दिया जाता है, जिससे अवशेषों का विघटन मिट्टी में जल्द हो जाता है.

इसका उपयोग किसान गीली और सूखी दोनों तरह की भूमि को जोतने में करते हैं. खासकर इसका उपयोग धान का खेत तैयार करने के दौरान कदवा करने और हरी खाद बनाने में यंत्र काफी उपयोगी है और सूखी अवस्था में खेत की मिट्टी को भुरभुरी बनाने में यंत्र उपयोगी है.

गन्ना, कपास की खेती में उपयोगी है यह मशीन

ट्रैक्टर चालित रिजर यंत्र का उपयोग किसान गन्ना उत्पादक क्षेत्र में करते हैं. इसके अलावा इसका उपयोग कपास, आलू जैसे कतार में लगने वाली फसलों को बोने के लिए फर्रो और रिज के निर्माण में किया जाता है. वहीं पहले से जुताई किए खेत में इस यंत्र को ट्रैक्टर द्वारा चलाया जाता है. इसके शेयर पॉइंट दोनों तरफ मिट्टी काटने से फर्रो का निर्माण होता है और रिज बनता है.

जुताई में सबसे अधिक उपयोगी यंत्र:

एम.बी. प्लाऊ और डिस्क प्लाऊ

  • खरपतवार हटाने और मिट्टी पलटने में कारगर
  • एम.बी. प्लाऊ: 30–50 HP ट्रैक्टर से संचालित, 1.5–2 हेक्टेयर/दिन कार्य क्षमता
  • डिस्क प्लाऊ: कड़ी और पथरीली जमीन के लिए उपयोगी, 30 से 40 HP ट्रैक्टर के साथ

रोटावेटर (रोटरी टिलर)

  • खेत की मिट्टी को भुरभुरी बनाने और अवशेषों को मिट्टी में दबाने में उपयोगी
  • PTO शाफ्ट से संचालित, गीली और सूखी दोनों जमीन में उपयोगी
  • खरीफ और रबी दोनों सीजन में उपयुक्त

स्प्रिंग टाइन कल्टीवेटर और खूंटीदार मचाई यंत्र

  • धान की खेती में कदवा और सामान्य जुताई के लिए उपयोगी
  • स्प्रिंग सिस्टम पत्थर जैसी रुकावटों में टाइंस को टूटने से बचाता है
  • ट्रैक्टर हाइड्रोलिक से नियंत्रित, 35 HP से ऊपर ट्रैक्टर उपयुक्त

ट्रैक्टर चालित रिजर यंत्र

  • गन्ना, कपास, आलू जैसी कतार में लगने वाली फसलों के लिए
  • मिट्टी काटकर रिज और फर्रा निर्माण में सक्षम
  • कतारों में बुआई के लिए उपयुक्त
  • तकनीक से किसानों को क्या लाभ मिल रहे हैं?
  • समय और श्रम की बचत
  • उत्पादन लागत में कमी
  • बीज अंकुरण में सुधार
  • फसल की गुणवत्ता और पैदावार में वृद्धि
  • मृदा स्वास्थ्य में सुधार

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