देशभर में रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की कटाई और मंडियों में बिक्री जोर-शोर से चल रही है. कई राज्यों में गेहूं की एमएसपी पर सरकारी खरीद भी जारी है और खरीद केंद्राें पर बंपर आवक हो रही है. इस बीच, उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ ने किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए बड़ा फैसला करते हुए बिना सत्यापन के 100 क्विंटल गेहूं की बिक्री की अनुमति दे दी है. सीएम के निर्देश पर किसानों के हित में काम करते हुए खाद्य और रसद विभाग ने सत्यापन प्रक्रिया को सरल बना दिया है और 100 क्विंटल तक गेहूं बेचने पर किसानों को सत्यापन से छूट दे दी गई है. किसान अनुमानित उत्पादन के 3 गुने तक बिक्री कर सकेंगे, जिससे कि अभिलेखों में गलती होने पर भी किसानों को गेहूं बेचने में परेशानी नहीं होगी.
विभाग ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि राज्य सरकार ने व्यवस्था की है कि पंजीकृत किसान सत्यापन के बिना भी 100 क्विंटल तक गेहूं बेच सकते हैं. सत्यापन के बाद कुल उत्पादकता के आधार पर अगेंस्ट उत्पादन क्षमता के तीन गुना तक गेहूं बेचने की सुविधा है, जिससे सत्यापन या अभिलेखों में गलती के कारण किसान को उत्पादित गेहूं बेचने में असुविधा न हो. गेहूं की बिक्री के लिए किसान खाद्य और रसद विभाग के पोर्टल fcs.up.gov.in या विभाग के मोबाइल ऐप UP KISHAN MITRA पर पंजीकरण-नवीनीकरण करा सकते हैं.
पंजीकृत किसान - 3,77,678
गेहूं बेचने वाले किसान - 39006
गेहूं की सरकारी खरीद - 2.06385 लाख मीट्रिक टन
गेहूं क्रय केंद्रों की संख्या- 5804
(नोट: आंकड़े दोपहर 3.10 बजे तक के हैं)
सरकार ने कहा कि अन्नदाता किसानों के हित में खाद्य विभाग ने सत्यापन प्रक्रिया को सरल बनाया है. विभाग ने मोबाइल क्रय केंद्र के माध्यम से किसानों के घर-घर पहुंच बनाई है और बिचौलिया राज समाप्त किया है. किसानों को 2425 रुपये एमएसपी और 20 रुपये प्रति क्विंटल उतराई, छनाई और सफाई के लिए अतिरिक्त दिए जा रहे है.
खरीद केंद्रों पर किसानों की सुविधा के लिए सुबह 8 से रात्रि 8 बजे तक गेहूं खरीद की जा रही है. किसान किसी भी प्रकार की समस्या होने पर टोल फ्री नंबर 18001800150 या जिला खाद्य विपणन अधिकारी या तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लॉक के विपणन अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं.
विभाग ने ऐसी तैयारी की है कि एक तरफ कटाई चल रही है तो वहीं, दूसरी तरफ मौके पर ही गेहूं तौला जा रहा है. किसानों की सुविधा के लिए छुट्टी के दिनों में भी खरीद केंद्र चालू हैं और बिचौलिया मुक्त खरीद के साथ ही किसानों को उनकी उपज की कीमत सीधे खाते में भेजी जा रही है. सरकारी खरीद केंद्र पर किसान तत्काल में भी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं और बटाईदार किसान भी अपनी फसल बेच सकते हैं.