मेंगलुरू के किसान परेशान हैं. मामला दक्षिण कन्नड़ क्षेत्र का है. किसानों की ये परेशानी इसलिए है क्योंकि प्रशासन ने चुनाव को देखते हुए प्रोटोकॉल के तहत हथियार जमा करा लिए हैं. अब किसान गुहार लगा रहे हैं कि जब घर में हथियार हीं नहीं है तो जंगली जानवरों से उनकी रक्षा कैसे होगी. दरअसल, इस पूरे इलाके में किसानों के बीच जंगली जानवरों का बहुत खौफ है, खासकर भालुओं का. इन जानवरों से बचने के लिए किसान हथियारों का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन जब से हथियार जमा कराए गए हैं तब से किसान चिंता में हैं. वे पुलिस से फरियाद कर रहे हैं कि उनकी रक्षा की जाए. इसी सिलसिले में मेंगलुरु पुलिस ने डायल 112 कैंपेन शुरू किया है जिसमें किसान पुलिस से किसी भी वक्त मदद मांग सकते हैं.
दरअसल, लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता के तहत हजारों किसानों की लाइसेंसी हथियारों को पुलिस स्टेशनों में जमा कर दिया गया है. ऐसे में अब दक्षिण कन्नड़ में परेशान किसान खड़ी फसलों को नष्ट कर रहे बंदरों और जंगली जानवरों को भगाने के लिए पुलिस पर निर्भर हैं. पिछले 3-4 दिनों में, किसानों के खेतों में बंदरों के उत्पात मचाने और जंगली सूअरों से संघर्ष करते समय निहत्थे किसान के गंभीर रूप से घायल होने की लगातार दो घटनाएं हुई हैं. सूत्रों ने बताया कि जिले में करीब 13 हजार किसानों के पास लाइसेंसी बंदूकें हैं. उन्होंने हथियार खरीदने का लाइसेंस प्राप्त कर लिया, क्योंकि उनके खेतों पर जंगली हाथियों, जंगली सूअर, बंदरों और अन्य जानवरों द्वारा अक्सर हमला किया जाता है.
ये भी पढ़ें: नासिक की किसान ललिता अपने बच्चों को इस वजह से खेती-किसानी से रखना चाहती हैं दूर
कुछ किसानों ने हथियार जमा करने के नियम से छूट की मांग करते हुए उच्च न्यायालय में एक याचिका भी दायर की है. किसान समर्थक समूह रायथा संघ और हसीरू सेने ने अपने खेतों की सुरक्षा के लिए पुलिस की तैनाती की मांग करते हुए एक अभियान शुरू किया है. बुधवार को, संघ के अध्यक्ष श्रीधर शेट्टी बैलुगुट्टू ने उन किसानों से आग्रह किया, जिन्होंने अपने हथियार जमा कर दिए हैं, जब भी जंगली जानवर उनकी कृषि भूमि पर उपद्रव करते हैं तो 112 पर कॉल करें और शिकायत दर्ज करें.
मंगलवार शाम को, विट्ठल के किसान निशांत नारायण बिलमपदावु ने 112 पर कॉल करके बेकाबू जानवरों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस से मदद मांगी. जब पुलिस ने निशांत के खेतों का निरीक्षण किया, तब तक बंदर फसलों को नुकसान पहुंचा चुके थे और मौके से भाग गए. पुलिस हेल्पलाइन से किसान की बातचीत की रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है. कॉल के दौरान, किसान ने बताया कि वह डिप्टी कमिश्नर के व्यक्तिगत निर्देशों के अनुसार पुलिस के पास पहुंचा. रायथा संघ के शेट्टी ने कहा कि सावनूर के एक किसान रत्नाकर सुवर्णा पर रविवार दोपहर को जंगली सूअर ने हमला किया.
ये भी पढ़ें: Onion Export Ban: जारी रहेगा प्याज एक्सपोर्ट बैन, लोकसभा चुनाव के बीच केंद्र सरकार ने किसानों को दिया बड़ा झटका