परभणी कृषि विश्वविद्यालय को मिला 'ए ग्रेड' का दर्जा, अब महाराष्ट्र में पहले स्थान पर

परभणी कृषि विश्वविद्यालय को मिला 'ए ग्रेड' का दर्जा, अब महाराष्ट्र में पहले स्थान पर

वसंतराव नाइक मराठवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय (VNMAU), परभणी को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के राष्ट्रीय कृषि शिक्षा प्रत्यायन बोर्ड से 'ए ग्रेड' दर्जा मिला है. कुलपति डॉ. इंद्र मणि ने बताया कि विश्वविद्यालय ने 4.00 में से 3.21 अंक हासिल कर यह उपलब्धि हासिल की है, जो मार्च 2028 तक वैध है. यह मान्यता VNMAU की शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार गतिविधियों में उत्कृष्टता को दर्शाती है.

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  • New Delhi ,
  • Jul 02, 2025,
  • Updated Jul 02, 2025, 2:01 PM IST

वसंतराव नाइक मराठवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय (VNMAU), परभणी को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के राष्ट्रीय कृषि शिक्षा प्रत्यायन बोर्ड से 'ए ग्रेड' का दर्जा मिला है. यह विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो इसकी शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार गतिविधियों में उत्कृष्टता को दर्शाता है. कुलपति डॉ. इंद्र मणि ने बताया कि विश्वविद्यालय ने 4.00 में से 3.21 अंक हासिल किए हैं, जिससे उसे मार्च 2028 तक वैध 'ए ग्रेड' प्रमाणन मिला है. डॉ. मणि के अनुसार, ICAR के मूल्यांकन परिणामों के आधार पर, महाराष्ट्र के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों में VNMAU वर्तमान में शीर्ष स्थान पर है. यह मान्यता विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा, अनुसंधान, विस्तार और अवसंरचनात्मक विकास में प्राप्त मील के पत्थरों का आधिकारिक समर्थन करती है. इस प्रत्यायन से विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय शैक्षणिक स्थिति मजबूत होगी और छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण कृषि शिक्षा प्राप्त करने के अवसर बढ़ेंगे.

नवाचार और विकास की पहलें

पिछले दो वर्षों में, मराठवाड़ा विश्वविद्यालय ने अपने शैक्षणिक, अनुसंधान, विस्तार और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में प्रदर्शन में सुधार के लिए कई सफल पहलें लागू की हैं. इनमें छात्रों की सुविधाओं में वृद्धि, नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 का कार्यान्वयन और अद्यतन पाठ्यक्रम शामिल हैं. उल्लेखनीय विकासों में महाराष्ट्र फार्म मशीनीकरण केंद्र का निर्माण, सीएसआर (CSR) सहायता के साथ उन्नत मशीनीकरण में कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम, और उद्यमिता का समर्थन करने के लिए गन्ना उत्पाद मूल्य संवर्धन के लिए एक कॉमन इनक्यूबेशन सेंटर (CIC) की स्थापना शामिल है.

यह संस्थान कृषि ड्रोन प्रौद्योगिकी को अपनाने में अग्रणी है, जो 'कृषि में ड्रोन' पर छह महीने का व्यावसायिक पाठ्यक्रम प्रदान करता है, एक हायरिंग सेंटर स्थापित करता है, और कृषि ड्रोन अनुप्रयोगों के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं (SOPs) विकसित करता है. डॉ. मणि ने बताया कि प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ साझेदारी में कई नई सहयोगी अनुसंधान परियोजनाएं शुरू की गई हैं. 2,500 एकड़ बंजर भूमि का विकास गुणवत्तापूर्ण ब्रीडर बीज उत्पादन में एक महत्वपूर्ण वृद्धि का कारण बना है. प्रत्यायन समिति ने परभणी, लातूर, बदनापुर, अंबाजोगाई, धाराशिव, गोलेगांव और चाकूर में विश्वविद्यालय की सुविधाओं का दौरा करके एक गहन मूल्यांकन किया था.

मराठवाड़ा के कृषि विकास में खास योगदान 

परभणी में कृषि का पहला कॉलेज 1956 में स्थापित किया गया था. यह मराठवाड़ा क्षेत्र के लोगों के लिए कृषि में उच्च शिक्षा तक पहुंचने का एक वास्तविक और महत्वपूर्ण अवसर माना गया. इस कॉलेज की स्थापना ने स्थानीय किसानों और कृषि क्षेत्र में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए ज्ञान और कौशल प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त किया. इस संस्थान की सफलता और क्षेत्र की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए, मराठवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 1972 में हुई. यह कदम कृषि अनुसंधान, शिक्षा और विस्तार को एक व्यापक मंच पर लाने के लिए अहम था.

विश्वविद्यालय ने कृषि विज्ञान के विभिन्न पहलुओं में विशेषज्ञता प्रदान करते हुए क्षेत्र की कृषि पद्धतियों को आधुनिक बनाने में मदद की. वर्तमान में, यह विश्वविद्यालय 12 घटक कॉलेजों के साथ कृषि शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है. ये कॉलेज विभिन्न कृषि विषयों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करते हैं और छात्रों को कृषि क्षेत्र में करियर बनाने के लिए तैयार करते हैं. विश्वविद्यालय लगातार अनुसंधान और विकास के माध्यम से कृषि उत्पादकता बढ़ाने और किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.

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