केरल का कृषि सेक्टर विकास के पथ पर तेजी से दौड़ रहा है, ऐसा इसलिए क्योंकि राज्य की कृषि विकास दर में राष्ट्रीय औसत विकास दर के मुकाबले दोगुनी से भी ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई है. इसको लेकर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहाल कि पिछले वित्तीय वर्ष में, जहां राष्ट्रीय स्तर पर कृषि क्षेत्र में 2.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, वहीं केरल में यह वृद्धि 4.65 प्रतिशत रही. सीएम ने कहा कि कृषि विभाग ने किसानों की आय में 50 प्रतिशत की वृद्धि के उद्देश्य से कई उपाय लागू किए.
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन किसान दिवस के ऑनलाइन राज्य स्तरीय समारोह और राज्य किसान पुरस्कार वितरण समारोह का उद्घाटन करते हुए बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि मिशन 2026 नामक एक अल्पकालिक कृषि कार्यक्रम और मिशन 2033 नामक एक दीर्घकालिक योजना इस प्रयास में अत्यधिक सहायक रही है. विजयन ने कहा कि केरल एक व्यापक फसल बीमा योजना को भी लागू करने में सक्षम रहा है. उन्होंने बताया कि इस सरकार के कार्यकाल में धान की उत्पादकता बढ़कर 3,108 किलो प्रति हेक्टेयर हो गई है, जबकि केराग्रामम परियोजना के माध्यम से नारियल की खेती में 54 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. सीएम ने बताया कि नारियल की खरीद 6.28 लाख टन से बढ़कर 17.20 लाख टन हो गई है.
विजयन ने आगे कहा कि जलवायु परिवर्तन, बाजार की अनिश्चितताएं और जंगली जानवरों के हमले कृषि क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने और मूल्यवर्धित उत्पादन में बदलाव लाने के लिए, राज्य विश्व बैंक के सहयोग से 2,365 करोड़ रुपये की लागत से केरा परियोजना लागू कर रहा है. इस परियोजना से चार लाख किसानों को प्रत्यक्ष और 10 लाख किसानों को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह 40 सालों में कृषि क्षेत्र के लिए विश्व बैंक द्वारा समर्थित पहली बड़ी परियोजना है.
केरल के सीएम ने आगे कहा कि कृषि कैलेंडर को जलवायु परिवर्तन के अनुरूप समायोजित किया जाना चाहिए और इस क्षेत्र को रचनात्मक चर्चाओं और नवीन कृषि पद्धतियों के माध्यम से आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार आधुनिक तकनीकों को भी शामिल करने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि 150 से अधिक एग्रीटेक स्टार्ट-अप शुरू किए गए हैं. सरकार मूल्यवर्धित उत्पाद क्षेत्र में भी प्रभावी हस्तक्षेप करने के प्रयास कर रही है. 'एक कृषि भवन, एक मूल्यवर्धित उत्पाद' के आदर्श वाक्य के तहत कृषि मूल्यवर्धित उत्पादों की ब्रांडिंग के लक्ष्य को आगे बढ़ाते हुए, 200 से अधिक मूल्यवर्धित उत्पाद विपणन के लिए तैयार किए गए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जंगली जानवरों के आतंक पर अंकुश लगाना वास्तव में जरूरी है. उन्होंने कहा कि हालांकि, यह केवल राज्य सरकार के हस्तक्षेप से पूरी तरह से संभव नहीं है. केंद्रीय कानूनों में समय पर संशोधन जरूरी है और इसके लिए राज्य सरकार केंद्र पर दबाव बना रही है. इसके अलावा, राज्य स्तर पर क्रियान्वित की जा सकने वाली विशेष परियोजनाएं भी तैयार की गई हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य पारंपरिक कृषि पद्धतियों को आधुनिक कृषि तकनीकों के साथ मिलाकर उन्हें व्यवहार में लाना है.
(सोर्स- PTI)
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