व्यापार संगठन AISTA ने रविवार को कहा कि भारत ने सितंबर में खत्म हुए विपणन सत्र में 7.75 लाख टन चीनी का निर्यात किया है. संगठन ने सरकार से नए सत्र के लिए जल्द निर्यात कोटा घोषित करने का आग्रह किया. चीनी विपणन सत्र अक्टूबर से सितंबर तक चलता है. बता दें कि भारत में 2024-25 के विपणन सत्र के लिए चीनी निर्यात की अनुमति 20 जनवरी, 2025 को दी गई थी. निर्यात के लिए अनुमत कुल मात्रा 10 लाख टन तय की गई थी.
अखिल भारतीय चीनी व्यापार संघ (AISTA) के अनुसार, मिलों ने 2024-25 विपणन सत्र के फरवरी से सितंबर के बीच कुल 7.75 लाख टन चीनी का निर्यात किया है. इस साल सितंबर तक, इसमें से सफेद चीनी का निर्यात 6.13 लाख टन, परिष्कृत चीनी का 1.04 लाख टन और कच्ची चीनी का 33,338 टन रहा. लगभग 21,000 टन कच्ची चीनी एसईजेड स्थित रिफाइनरी में पहुंचाई गई, जिसे निर्यात योग्य माना गया. अंग्रेजी वेबसाइट 'बिजनेस लाइन' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक किए गए कुल निर्यात में से अधिकतम शिपमेंट 1.46 लाख टन जिबूती को हुआ है, इसके बाद सोमालिया को 1.35 लाख टन, श्रीलंका को 1.34 लाख टन और अफगानिस्तान को 75,533 टन निर्यात किया गया है.
गौरतलब है कि AISTA, जिसने 2024-25 के लिए लगभग 8 लाख टन चीनी निर्यात का अनुमान लगाया था, ने इस साल फरवरी-सितंबर की अवधि के लिए अस्थायी रूप से वास्तविक निर्यात लगभग 7.75 लाख टन रखा है. एक बयान में कहा गया है कि अखिल भारतीय चीनी व्यापार संघ ने सरकार से चीनी विपणन वर्ष 2025-26 में चीनी के निर्यात की अनुमति देने और नवंबर 2025 तक निर्यात कोटा घोषित करने का अनुरोध किया है. व्यापार निकाय ने सरकार से यह भी अनुरोध किया है कि मिलों के बीच आवंटन और विनिमय के लिए उसी निर्यात कोटा नीति का पालन किया जाए जैसा कि 2024-25 चीनी विपणन वर्ष में अपनाया गया है.
हाल ही में आई एक रिपोर्ट ने दावा किया था कि 2025-26 सीजन में भारत की चीनी उत्पादन क्षमता 350 से 360 लाख टन तक पहुंच सकती है. इसमें से करीब 45 से 50 लाख टन इथेनॉल के लिए डायवर्ट किया जाएगा. इसके बाद 10 से 20 लाख टन तक का निर्यात संभव है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार जनवरी से फरवरी 2026 के बीच चीनी निर्यात पर फैसला ले सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर घरेलू मांग और उत्पादन संतुलित रहे तो 20 लाख टन तक के निर्यात को मंजूरी मिल सकती है.
ये भी पढ़ें-