पिछले दिनों हरियाणा सरकार की तरफ से एक किसान मेले का आयोजन हुआ था. यूं तो इस मेले में कई ऐसे किसान थे जिनकी सफलता की कहानी प्रेरणा देने वाली थी मगर एक महिला किसान ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा. इस महिला किसान का परिवार पारंपरिक तौर पर गेहूं, बाजरा और सरसों की खेती में लगा हुआ था. इन्होंने खुद ऑर्गेनिक तरीके से सब्जी की खेती शुरू की और आज यह महिला किसान हर महीने लाखों रुपये कमा रही हैं.
गुरुग्राम के ख्वायतपुर की रहने वाली महिला किसान मनजीत अपने ससुर के साथ किसान मेले में पहुंची थी, मनजीत ने बताया कि वह अपने पिता इंद्राज के साथ मेले में आई है. पहले वह धान और गेहूं की खेती करते थे लेकिन 2023 में उन्होंने सब्जी की खेती करने की ट्रेनिंग ली. महिला किसान ने बताया कि ट्रेनिंग से पहले वह गेहूं, बाजरा और सरसों की खेती करती थीं. फिर पिताजी की ट्रेनिंग के बाद उन्होंने, उनके पति ने और पिताजी ने मिलकर सब्जी की खेती करना शुरू किया. उन्होंने एक सोच के साथ सब्जियों की खेती शुरू की जो खुद भी शुद्ध सब्जी खाना और दूसरों को भी शुद्ध सब्जी खिलाने से जुड़ी थी.
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उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र से ट्रेनिंग लेकर उन्हें काफी फायदा मिला है. सरकार सब्जियों की खेती पर बहुत सी सब्सिडी देती है, जिससे काफी लाभ मिल रहा है. महिला किसान ने बताया कि वो टमाटर, बैंगन, तरबूज, ब्रोकली और मटर की खेती करते हैं जिसमें काफी फायदा हुआ है. 6 एकड़ में वह सब्जियों की खेती कर रही है, जिसमें वह हर मौसम के अनुसार सब्जियों को उगाते हैं. फिर उनके पिता और उनके पति जाकर मंडियों में सब्जी को बेचते हैं. उनके खेतों से भी खरीददार सब्जियों को लेकर जाते हैं. ज्यादातर सब्जी उनके खेतों से ही लोग लेकर जाते हैं क्योंकि सबको पता है कि वह ऑर्गेनिक सब्जी उगते हैं.
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इंद्राज किसान ने बताया कि इस समय उन्होंने अपने खेतों में तरबूज, मिर्च प्याज और ब्रोकली की खेती की हुई है. उन्होंने बताया कि सब्जी की खेती में बहुत ज्यादा लाभ है. गेहूं में ₹50000 एक एकड़ में बचता है तो सब्जी की खेती में 100000 रुपये की बचत है, उन्हें एक एकड़ से हो जाती है. 1980 से वह गेहूं धान की खेती कर रहे थे लेकिन 2023 में उन्होंने सब्जियों की खेती करने की ट्रेनिंग ली. इसके बाद उन्होंने फसल चक्र बदला और अब पूरा परिवार मिलकर खेती कर रहा है और मुनाफा कमा रही हैं.