Yamuna River: दिल्‍ली में बढ़ा का खतरा! खोले गए हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट

Yamuna River: दिल्‍ली में बढ़ा का खतरा! खोले गए हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट

निचले इलाकों में रहने वाले निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है. आपातकालीन प्रतिक्रिया दल स्थिति पर नजर रख रहे हैं. वहीं यमुना के आसपास रहने वाले किसानों को भी सावधान रहने को क‍हा गया था. जलस्‍तर बढ़ने से फसलों के चौपट होने का भी खतरा बढ़ गया है. यमुना के नजदीक तरबूज की खेती काफी किसान करते हैं और ऐसा माना जा रहा है कि उनके खेत पानी में डूब चुके हैं.

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क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Aug 18, 2025,
  • Updated Aug 18, 2025, 10:19 AM IST

हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट इस मौसम में पहली बार खोल दिए गए हैं और यमुना नदी का जलस्‍तर एक दिन पहले ही खतरे के निशान को पार कर गया है.  जलस्‍तर बढ़ने के साथ ही राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में बाढ़ की एडवाइजरी जारी कर दी गई है. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने मंगलवार को जलस्‍तर बढ़ने की आशंका जताई थी. रविवार को जारी जारी एक एडवाइजरी में कहा गया था कि  दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर मंगलवार यानी 19 अगस्त सुबह तक 206 मीटर तक बढ़ने की आशंका है, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर जाएगा. बढ़ते जलस्तर के कारण अधिकारियों को संभावित निकासी की तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए गए थे. अधिकारियों की तरफ से बाढ़ जैसी स्थिति की चेतावनी दी गई थी. 

एक  दिन पहले आई आफत 

रविवार को आई एडवाइजरी में कहा गया था, 'आज, 17 अगस्त को हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी की मात्रा और ऊपरी यमुना क्षेत्र में भारी बारिश को देखते हुए, यह सूचित किया जाता है कि 19 अगस्त, 2025 को सुबह 2 बजे के आसपास दिल्ली रेलवे ब्रिज पर जलस्तर 206.00 को पार कर सकता है.' केंद्रीय जल आयोग ने बताया था कि रविवार शाम करीब 7 बजे यमुना नदी पुराने रेलवे ब्रिज पर चेतावनी स्तर को पार कर 204.60 मीटर के निशान पर पहुंच गई.  दिल्ली के लिए चेतावनी का निशान 204.50 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है और लोगों को 206 मीटर से निकालना शुरू कर दिया गया है.

पहाड़ों की बारिश का असर दिल्‍ली तक 

पुराना रेलवे पुल नदी के बहाव और संभावित बाढ़ के खतरों पर नजर रखने के लिए एक प्रमुख ऑब्‍जर्वेशन प्‍वाइंट के तौर पर काम करता है. सीडब्ल्यूसी ने कहा कि सभी संबंधित एजेंसियों को बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए एहतियाती कदम उठाने को कहा गया है. सेंट्रल फ्लड रूम के एक अधिकारी ने बताया, 'जलस्तर में वृद्धि का मुख्य कारण वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे छोड़े जा रहे पानी की भारी मात्रा है.' फ्लड कंट्रोल डिपार्टमेंट के अनुसार, हथिनीकुंड बैराज से करीब 127,030 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जो इस मौसम में सबसे ज्‍यादा है, और वज़ीराबाद बैराज से हर घंटे 45,620 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. बैराज से छोड़े गए पानी को दिल्ली पहुंचने में आमतौर पर 48 से 50 घंटे लगते हैं. बताया जा रहा है कि पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश के चलते बैराज में भी पानी काफी बढ़ गया है. 

किसानों की फसलें तबाह! 

निचले इलाकों में रहने वाले निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है. आपातकालीन प्रतिक्रिया दल स्थिति पर नजर रख रहे हैं. वहीं यमुना के आसपास रहने वाले किसानों को भी सावधान रहने को क‍हा गया था. जलस्‍तर बढ़ने से फसलों के चौपट होने का भी खतरा बढ़ गया है. यमुना के नजदीक तरबूज की खेती काफी किसान करते हैं और ऐसा माना जा रहा है कि उनके खेत पानी में डूब चुके हैं. यमुना खादर क्षेत्र के निचले इलाके जैसे बुराड़ी, जगतपुर, वज़ीराबाद, सोनिया विहार पुस्ता, और उस्मानपुर जैसे इलाकों में लोग खेती करते हैं. साथ ही ये अपने पूरे परिवार के साथ यहां पर रहते हैं.  इन हालातों ने किसानों की चिंता और बढ़ा दी है क्योंकि उनकी फसलें एक बार फिर तबाही के कगार पर पहुंच गई हैं. किसान अपनी मेहनत की फसलें बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं.

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